LokSabha Election : दिनभर चलता रहा हाई वोल्टेज ड्रामा, लुधियाना में PM Modi की रैली रद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली की परमिशन को लेकर मंगलवार को पूरे दिन हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा।अंत में इसे रद कर दिया गया।
लुधियाना, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली की परमिशन को लेकर मंगलवार को पूरे दिन हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा। भाजपा नेता और प्रशासन के बीच रैली स्थल की परमिशन से लेकर प्रधानमंत्री के हेलीकॉप्टर उतारने की बात को लेकर बहस चलती रही। इसी बीच भाजपा नेता प्रशासन पर मोदी की रैली न होने देने का आरोप लगाते रहे। उसके साथ ही वे दिनभर दावा करते रहे कि 17 मई को प्रधानमंत्री हर हाल में लुधियाना में रैली करेंगे। देर शाम होते-होते भाजपा नेताओं ने तो यहां तक कह दिया कि रैली स्थल की परमिशन न भी मिली तो भी प्रधानमंत्री की रैली करवाएंगे। हालांकि रात को साफ हो गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिरोमणी अकाली दल व भारतीय जनता पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार गरेवाल के लिए वोट की अपील करने लुधियाना नहीं आएंगे। पूरा दिन दफ्तरों के चक्कर लगाते रहे भाजपाई
मंगलवार सुबह से ही भाजपा जिला प्रधान समेत पूरी कार्यकारिणी रैली स्थल की परमिशन के लिए प्रशासनिक दफ्तरों के चक्कर लगाते रहे। ग्लाडा ग्राउंड में जगह की अनुमति लेने के लिए भाजपा नेताओं ने ग्लाडा को आवेदन किया। भाजपा नेताओं का आरोप है कि ग्लाडा के अफसरों ने भी सरकार के दबाव में परमिशन देने में देरी लगा दी। उधर, देर रात प्रधानमंत्री कार्यालय ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री के रैली में शामिल होने से मना कर दिया। दरअसल रैली से 72 घंटे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय को सूचना देनी होती है ताकि वह प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित कर सकें।
प्रशासन ने जानबूझकर की परमिशन देने में देरी: मोदगिल
भाजपा के जिला महासचिव सुनील मोदगिल ने कहा कि पंजाब सरकार के दबाव में प्रशासन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को लेकर अड़चनें लगाई हैं। पहले गवर्नमेंट गर्ल्स कॉलेज की प्रिंसिपल ने अड़ंगा लगाया और बाद में प्रशासन ने ग्लाडा ग्राउंड में रैली करवाने पर भी आनाकानी की। उन्होंने बताया कि प्रशासन बहाने बनाकर रैली लटकाना चाहता था जिसमें वह कामयाब हो गया। मोदगिल ने बताया कि उन्होंने ग्लाडा ग्राउंड की परमिशन के लिए ग्लाडा दफ्तर में आवेदन किया लेकिन ग्लाडा अफसरों ने भी परमिशन देने में देरी कर दी। प्रशासन ने फिर प्रधानमंत्री के हेलीकॉप्टर उतारने की बात पर भी खींचतान शुरू कर दी। वह पूरे दिन अलग-अलग दफ्तरों के चक्कर लगाते रहे। दोपहर बाद जब ग्लाडा ग्राउंड की परमिशन मिली तो फिर प्रधानमंत्री कार्यालय से संपर्क किया। इसके बाद पीएमओ की तरफ से कहा गया कि इतने कम समय में प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था करना संभव नहीं है। इसके लिए कम से कम 72 घंटे चाहिए होते हैं।
रात आठ बजे तक भाजपा नेता कहते रहे रैली करेंगे
भाजपा के वरिष्ठ नेता जीवन गुप्ता देर शाम तक कहते रहे कि प्रधानमंत्री की रैली हर हाल में होगी। उन्होंने कहा कि पठानकोट में भी प्रशासन के जरिए सरकार ने अमित शाह की रैली को रद करने की पूरी प्लानिंग की थी। लुधियाना में भी सरकार प्रशासन के जरिए रैली को रद करना चाहती है। इसी तरह जिला प्रधान जतिंदर मित्तल भी देर रात आठ बजे तक रैली करने की बात करते रहे।
क्या है परमिशन लेने का तरीका
जानकारी के मुताबिक किसी भी रैली के लिए परमिशन लेनी होती है तो संबंधित एआरओ के पास आवेदन किया जाता है। इसके अलावा जिस जगह पर रैली करनी होती है, उसके मालिक से भी इजाजत लेनी होती है। बाकी सुरक्षा के अलावा ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए पुलिस परमिशन देती है, लेकिन पुलिस के पास आवेदन एआरओ की तरफ से भेज दिया जाता है। इसके अलावा फायर ब्रिगेड व अन्य विभागों से परमिशन लेनी होती है।
ग्लाडा ग्राउंड में रैली की परमिशन के लिए जब आवेदन मिला तो सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद दोपहर बाद परमिशन दे दी थी। सोनम चौधरी, ईओ ग्लाडा
मेरे पास रैली की परमिशन के लिए कोई आवेदन नहीं आया। यह आवेदन एआरओ लेवल पर किया जाता है। अगर हेलीकॉप्टर उतारने की बात कर रहे थे तो बहुत सी जगह थी जहां हेलीकॉप्टर उतारे जा सकते थे।
-प्रदीप अग्रवाल , जिला चुनाव अधिकारी-कम- डीसी
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप