लोगों में पर्यावरण संरक्षण की अलख जगा रहीं बिजनेस वुमेन सतप्रीत कौर Ludhiana News
सतप्रीत कौर का कहना है कि ग्रीन लुधियाना तभी बन सकता है अगर पेड़ों की कटाई को बंद किया जाए।
जगराओं, [बिंदू उप्पल]। पेशे से हेल्थ जोन का संचालन करने वाली लुधियाना की सतप्रीत कौर बिजनेस के साथ अपने क्षेत्र को हराभरा बनाने में जुटी हैं। इस क्रम में उन्होंने बकायदा ग्रीन लुधियाना सेव वाटर के तहत तैयार कर इलाके के पार्षदों को दे चुकी है और उसे अमल में आने के लिए लोगों को जागरूक कर रही है। खासकर उन इलाकों में जहां पेड़-पौधे कम हैं, वहां सतप्रीत काम कर रही है। शहरों में ट्रैफिक समस्या से जनता को निजात दिलाने के लिए सरकारें हाइवे का निर्माण तेजी से कर रही है, ताकि सड़कों पर बड़े वाहनों की संख्या की तदाद अधिक होने कारण ट्रैफिक से निजात मिल सके। वहीं, बलि चढ़ रहे हैं। जिससे पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। जरूरत है इन पेड़-पौधों की कटाई को रोका जाए। इसके लिए सतप्रीत नगर निगम लुधियाना के साथ ग्रीन लुधियाना पर काम शुरू करने में सहयोग दे रही हैं।
सतप्रीत कौर ने बताया कि ग्रीन लुधियाना तभी बन सकता है अगर पेड़ों की कटाई को बंद किया जाए। इस प्रोजेक्ट को लेकर वह लुधियाना के मेयर बलकार सिंह संधू व अन्य पार्षदों से भी मिली थी, ताकि हरेक घर के आगे पेड़ लगाने की अनिवार्यता पर जोर दिया जाए। उन्होंने ग्रीन लुधियाना व सेव वाटर के लिए मेयर व पार्षंदों को अपने सुझाव दिए। सतप्रीत ने कहा कि हरेक घर के बाहर पेड़ लगाने पर जोर दिया जाए ताकि हरेक घर को शुद्ध ताजी हवा व शुद्ध वातावरण मिल सके। दूसरा निगम की ओर से सेव वाटर प्रोजेक्ट के तहत हरेक नए घर का निर्माण करने के लिए नक्शा में रेन वाटर हारवेसिटंग सिस्टम लगाना अनिवार्य किया जाए ताकि बारिश के पानी को उपयोग में लाने योग्य बनाया जाए। इसके अलावा वो स्कूलों व कॉलेजों में पर्यावरण पर लेक्चर देती हैं और बच्चों को अधिक से अधिक पौधे लगाने की अपील करती हैं।
मास्टर इन साइकोलॉजी पढ़ी सतप्रीत कौर स्कूलों व कॉलेजों में बच्चों को जागरूकता लेक्चर दे कर बच्चों को जागरूक करती हैं। उनके इस जागरूकता कार्यक्रमों में उनके पति जसपाल सिंह व बेटी जसलीन कौर और बेटा हरसिमरन जीत सिंह साथ देता है। हर वर्ष लगती है 200 पौधे सतप्रीत कौर ने बताया कि वह हर वर्ष अपने परिवार व सदस्यों के साथ करीब दो सौ पौधे लगाती है। उन्होंने सेव वाटर पर निगम को सुझाव दिया कि पब्लिक से पानी का बिल प्रति लीटर लिया जाए, ताकि लोगों को पानी की कीमत का पता चल सके और पानी भी बर्बाद न हो। वह अपने दोस्तों के साथ सप्ताह में एक-बार विभिन्न इलाकों में जाकर महिलाओं को पानी की बचत कैसे करनी है के बारे में जानकारी देती है। उन्होंने कहा कि हिमाचल मे प्लास्टिक बैग 18 वर्षो से बंद है और अपने यहां प्लास्टिक पर पाबंदी केवल ड्रामा बनकर रह जाती है। इसलिए वो खुद कई बार जूट के बैग लेकर मार्केट में सामान लेने वाले लोगों को देती हैं।
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