आशा वर्करों के धरने में शारीरिक दूरी ही दूर
सेहत विभाग की सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए काम कर रही आशा वर्करों ने सोमवार को सिविल सर्जन कार्यालय में धरना दिया।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : कोरोना महामारी के बीच घर घर जाकर सेहत विभाग की सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए काम कर रही आशा वर्करों ने सोमवार को सिविल सर्जन कार्यालय में धरना दिया। इस दौरान काफी संख्या में जिलेभर की आशा वर्कर मौजूद रही। धरना ऑल इंडिया आशा वर्कर व आशा फेसिलिटेटर यूनियन पंजाब के नेतृत्व में दिया। घर घर जाकर कोरोना से बचाव के लिए फिजिकल डिस्टेंसिग का पाठ पढ़ाने वाली आशा वर्कर खुद इस नियम का पालन करना भूल गई और बिना दूरी के एक दूसरे साथ बैठकर मांगों को लेकर नारेबाजी की। हालांकि, मास्क जरूर पहने थे। आशा वर्करों ने सरकार व प्रशासन के खिलाफ रोष जताते हुए कहा, लंबित मांगों को लेकर टालमटोल की नीति अपनाई जा रही है। बार बार समस्याओं से अवगत करवाने के बावजूद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा। इसके चलते काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा डोर टू डोर सर्वे में किसी प्रकार का सुरक्षा का सामान उपलब्ध नहीं करवाया गया।
आशा वर्करों ने करीब दो घंटे तक सिविल सर्जन दफ्तर के बाहर डेरा डाले रखा। आशा वर्करों की मांग थी कि ऑनलाइन काम करने के लिए इंटरनेट के साथ अच्छी कंपनी के स्मार्टफोन दिए जाएं। कोविड महामारी का सर्वे करने के लिए पीपीई किट, मास्क व ग्लब्ज दिए जाएं। अक्टूबर 2018 से अब तक जिन टीबी के मरीजों को दवा खिलाई, उसकी पैमेंट का भुगतान किया जाए। आशा वर्करों द्वारा किए जा रहे सर्वें की सुपरविजन आशा फेसिलिटेटर से ही करवाई जाए। धरने के दौरान प्रधान राजवीर कौर, नीतू बाला, राजिदर कौर, हरप्रीत कौर, कमलजीत कौर, प्रियंका व अनिता मौजूद रहीं।