चौदह साल से ठेके पर रखे फार्मासिस्ट और दर्जा चार कर्मचारियों को सरकार रेगुलर करे
सोमवार को संघर्ष के ग्याहरवें दिन एडीसी डी दफ्तर में फार्मासिस्ट व दर्जा चार कर्मी इकट्ठे हुए। इस दौरान उन्होंने पंचायत विभाग व पंचायत मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : ग्रामीण विकास व पंचायत विभाग के अंतर्गत पिछले चौदह सालों से ठेके पर काम कर रहे रूरल फार्मेसी अफसर व दर्जा चार कर्मचारी अपनी सेवाओं को रेगुलर करवाने के लिए पंजाबभर में जिला हेड क्वाटरों पर संघर्ष कर रहे हैं। सोमवार को संघर्ष के ग्याहरवें दिन एडीसी डी दफ्तर में फार्मासिस्ट व दर्जा चार कर्मी इकट्ठे हुए। इस दौरान उन्होंने पंचायत विभाग व पंचायत मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद मिनी सचिवालय के बाहर आकर पुतला फूंका।
रूरल फार्मेसी अफसर एसोसिएशन स्टेट प्रधान जोतराम मदनीपुर ने कहा कि लाखों रुपये खर्च करके हासिल की गई मेडिकल डिग्रियां को पंजाब सरकार ने बर्बाद करके रख दिया है। इन डिग्रियों का क्या फायदा जब सरकार उनको पक्की नौकरी नहीं दे सकती। उन्होंने कहा कि सभी फार्मासिस्ट रेगुलर होने के लिए अपनी शैक्षिक योग्यता पूरी करते हैं। साल 2006 के दौरान कैप्टन सरकर की ओर से ही ग्रामीण सेहत सुविधाओं को सुचारू ढंग से चलाने के लिए ठेके पर नियुक्त किया गया था, लेकिन चौदह साल बीत जाने के बाद आज भी फार्मासिस्ट को रेगुलर नहीं किया जा रहा है। दूसरी तरफ हड़ताल पर चल रहे फार्मासिस्ट के जिला प्रधान बग्गा सिंह व दर्जा चार के प्रधान सुखचैन सिंह ने पंजाब भर में प्रभावित हो रही सेहत सुविधाओं के लिए पंचायत मंत्री व सेहत मंत्री को सीधे जिम्मेदार बताया।
ये रहे मौजूद : इस मौके पर महासचिव हरजिदर सिंह ने बताया कि हड़ताल पर होने के कारण कोरोना केयर सेंटरों में अशिक्षित व अनट्रेंड स्टाफ से डयूटी ली जा रही है, जोकि मरीजों की सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा है। इस मौके पर हरिदर सिंह, तेजिदर सिंह, बलबीर सिंह, बलविदर सिंह, गुरिदर सिंह, कविदरजीत सिंह, गुरचरण सिंह, दविदर सिंह, हरबंस सिंह, गुरप्रीत, परमिदर, सुखचैन सिंह और मनजीत कौर व अन्य मौजूद थे।