Tiger Safari पहुंची दो मादा टाइगर, 5 फरवरी से देख सकेंगे लाेग
टाइगर सफारी में एक बार फिर रौनक लौट आई है। पर्यटकों को अब यहां ज्यादा चहल-पहल देखने को मिलेगी क्योंकि यहां दो बागिन पहुंच चुकी हैं। इनका नाम चिराग और इंचरा है।
लुधियाना, [राधिका कपूर]। जालंधर बाईपास स्थित चिडिय़ाघर और टाइगर सफारी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। टाइगर सफारी में प्रदेश भर के लोग बाघों को देखने के लिए आते हैं। अब खुशखबरी यह है कि टाइगर सफारी में एक बार फिर रौनक लौट आई है। पर्यटकों को अब यहां ज्यादा चहल-पहल देखने को मिलेगी, क्योंकि यहां दो बागिन पहुंच चुकी हैं। इनका नाम चिराग और इंचरा है। इन दोनों को छतबीड़ चिडिय़ाघर से लाया गया है। अब टाइगर सफारी में तीन टाइगर हो गए हैं। पांच फरवरी से सभी लोग इन्हें देख सकेंगे।
17 वर्षीय बाघ मनी लुधियाना टाइगर सफारी में पहले से है। अब यहां तीन टाइगर्स जिसमें एक नर और दो मादा हो गए हैं। इसी माह बिलासपुर के चिडिय़ाघर से एक और बाघ के लुधियाना टाइगर सफारी पहुंचने की उम्मीद है। 2005 तक लुधियाना टाइगर सफारी में 11 के करीब टाइगर्स हुआ करते थे। इसके बाद से यहां पर इनकी संख्या धीरे-धीरे कम होती गई। 20 दिसंबर 2019 को टाइगर सफारी में एक बाघ की मौत हो गई थी। वह बूढ़ा हो चुका था। फिर यहां केवल एक ही बाघ रह गया। इस तरह दो और बागिन के आने से टाइगर सफारी दोबारा गुलजार हो गई है।
28 दिनों के लिए टाइगर हाउस में रखना जरूरी
टाइगर सफारी में चिराग और इंचरा करीब 25 दिन पहले आ चुकी हैं। 28 दिनों के प्रोटोकॉल के मुताबिक दोनों ही बाघिन टाइगर सफारी में बने टाइगर हाउस में रह रही हैं। ऐसा इसलिए कि दूसरी जगह शिफ्ट किया गया जानवर खुद को नई जगह और वहां के वातावरण के अनुसार खुद को ढाल पा रहा है या नहीं। दोनों ही बाघिन के ट्रायल भी पूरे हो चुके हैं और मेडिकल भी।
टाइगर सफारी में दोनों बाघिन के रहने के प्रबंध पूरे हो चुके हैं। बुधवार 5 फरवरी को टाइगर हाउस से चिराग और इंचरा को निकालकर सफारी में उन्हें छोड़ दिया जाएगा। इसी महीने एक और बाघ यहां आने वाला है।
-खुशविंदर सिंह गिल, डिवीजनल फारेस्ट ऑफिसर (डीएफओ) वाइल्ड लाइफ।
खासियतें
- टाइगर सफारी में आने वाले दोनों बागिन बंगाल रॉयल ब्रीड के हैं।
- इन दोनों की उम्र 9-10 साल के बीच है।
- ये पहले छतबीड़ चिडिय़ाघर में रह रहे थे।
- इनका नाम चिराग और इंचरा एनिमल कमेटी ने ही रखा है।
- दोनों बाघिन खाने में रोजाना आठ से दस किलो मीट खाती हैं।
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