लोगों ने समराला के मुख्य चौक पर दिया धरना, नेशनल हाईवे अथाॅरिटी के खिलाफ जताया रोष
चंडीगढ़-लुधियाना नेशनल हाईवे छह लेन प्रोजेक्ट की डिजाइनिंग को लेकर समराला एवं आसपास के गांव के लोगों में रोष है।
जेएनएन, समराला। चंडीगढ़-लुधियाना नेशनल हाईवे छह लेन प्रोजेक्ट की डिजाइनिंग को लेकर समराला एवं आसपास के गांव के लोगों में रोष है। लोगों ने सोमवार को समराला को मुख्य चौक में नेशनल हाईवे अथारिटी के खिलाफ रोष प्रदर्शन कर धरना दिया और ट्रैफिक जाम कर दिया। लोगों ने चेतावनी दी कि यदि डिजाइन को बदल कर लोगों को राहत न दी तो दो अप्रैल को बैठक करके संघर्ष की अगली रणनीति बनाई जाएगी।
काबिलेजिक्र है कि समराला बाईपास बनने के कारण दर्जनों गांवों के रास्ते बंद होने के खिलाफ आज आसपास के गावों के सैंकड़ों लोगों व समाज सेवी संगठनों ने रोष रैली निकाली। इसके बाद मेन चौक में धरना दे दिया। धरने के दौरान ट्रैफिक चालू रहा। यह रैली बहिलोलपुर रोड से शुरू हो कर बाजार में से होते हुए मुख्य चौक में पहुंची। लोगों के समूह को संबोधित करते हुए कमेटी के कनवीनर एडवोकेट गगनदीप शर्मा ने घोषणा की कि अगर एक सप्ताह के भीतर उन की मांगें पूरी न हुई तो दो अप्रैल को मीटिंग करके अगले संघर्ष की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
इससे पूर्व सरबंस सिंह माणकी, मनजिंदर सिंह ग्यासपुरा, महंत भरपूर दास, मास्टर तरलोचन सिंह, दीप दिलबर ने संबोधित किया। दीप दिलबर ने कहा कि रास्ते खुलवाने के लिए नेशनल हाईवे अधिकारियों के अतिरिक्त राजनीतिक दलों के नेताओं तथा प्रशासनिक अधिकारियों को मांग पत्र दिये, पर फिर भी कोई हल न हुआ और मजबूरी में रोष रैली की।
कट जाएंगे दर्जनों गांव
इस अवसर पर गगनदीप शर्मा ने कहा कि रास्ते बन्द होने से दर्जनों गांव शहर से कट जाएंगे। इन गावों के विद्यार्थियों व किसानों को अपनी पैदावार मंडियों में लाने के लिए दूर का रास्ता तय करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि रास्ते में ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री झाड़ साहिब भी आता है। इस अवसर पर रैली में आ कर प्रशासन की ओर से तहसीलदार बादलदीन ने कहा कि वे अपना मांग पत्र दे दें। इसे सिफारिश के साथ संबंधित अधिकारियों को भेज दिया जाएगा।