गुरु की नगरी से आकर लुधियाना में जलाई धर्म की अलख
श्री गुरु गोबिंद ¨सह जी की जन्मभूमि के लोगों ने खून-पसीना एक कर लुधियाना में अपनी अलग पहचान बनाई है।
लुधियाना, [डीएल डॉन]। श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की जन्मभूमि के लोगों ने खून-पसीना एक कर लुधियाना में अपनी अलग पहचान बनाई है। बिहार के लोग भगवान सूर्य, भगवान बुद्ध, दशम गुरु गोबिंद सिंह जी के संदेश को यहां फैला रहे हैं। बिहार के लोगों ने आध्यात्मिक ज्ञान देकर महानगर के माहौल को धर्ममय बना दिया है। महानगर में अधिकतर बिहार के लोग अपनी कॉलोनियों में मंदिरों का निर्माण करवा चुके हैं। इन मंदिरों में नित्य पूजन के साथ श्री रामकथा, श्रीमद्भागवत कथा, माता का जागरण आदि धार्मिक आयोजन करते रहते हैं। महानगर में मां सरस्वती पूजन का आयोजन बिहार के लोगों ने किया, जो आज के समय में तकरीबन कॉलोनियों में होता है।
पंजाब के लोग जाते हैं गुरु गोबिंद सिंह जी धर्मस्थली पर
बिहार में गुरु गोबिंद सिंह जी की जन्मस्थली पर माथा टेकने पंजाब के लोग अक्सर जाते हैं। वहीं पूर्वजों का पिंडदान करने लोग गया जाते हैं। इसके बाद बौद्ध के उपदेशों को साथ लेकर आते हैं और धार्मिक सौहार्द की कड़ी बनाते रहते हैं। दशकों से यहां के लोग बड़ी संख्या में बिहार की राजधानी पटना की यात्रा पर जाते हैं। बिहार के सभी जिलों में गुरुद्वारे हैं।
बिहार के लोगों ने कराया मंदिरों का निर्माण
महानगर की तकरीबन कॉलोनियों में बिहार के लोगों ने मंदिर बनवाया है। शिव शक्ति दुर्गा माता मंदिर महेंद्र नगर पुजारी पंडित रामेश्वर तिवारी, माता चिंतपूर्णी मंदिर डिल्लो नगर प. नंद किशोर उपाध्याय, लक्ष्मी नारायण मंदिर महालक्ष्मी नगर पुजारी शेष नारायण मिश्रा, श्रीराममंदिर, गुरमीत नगर पुजारी पंडित राम सहाय पांडेय, श्री कृष्णा मंदिर ज्ञान चंद नगर पुजारी ओमप्रकाश मिश्रा, दुर्गा माता मंदिर महादेव नगर पुजारी प.अयोध्या प्रसाद तिवारी, शिव मंदिर कमेटी, गुरतेग बहादुर नगर मक्कड़ कॉलोनी पुजारी प.रवि प्रकाश शुक्ला, मुंडियां कलां, भामियां कला, हैबोवाल, फुल्लेवाल, बाड़ेवाल, शिमलापुरी, बस्ती जोधेवाल, सलेमटाबरी, गांव हंबड़ा आदि इलाकों में भी मंदिरों का निर्माण करवा पूजापाठ किया जा रहा है।
महानगर में श्री छठ पूजा का विशाल आयोजन
महानगर के विभिन्न एरिया में बिहार के लोग श्री छठ पूजा कर रहे हैं। सतलुज दरिया पर लाखों की तादात में श्रद्धालु श्री छठ पूजा करते हैं। दरिया पर करीब आठ से दस जगहों पर भगवान सूर्य की आराधना होती है और पूरी रात मंचों पर धार्मिक आयोजन होते हैं, जिससे व्रत धारी और श्रद्धालु पूरी रात यहीं रहकर छठी मइया का गुणगान करते हैं। ग्यासपुरा में श्रीछठ पूजा के लिए एक एकड़ जमीन दान में दी गई है। यह जमीन सज्जन सरदार निर्मल सिंह ने दी है। निर्मल सिंह तीन वर्ष से लगातार श्री छठ पूजा का आयोजन करवा रहे हैं। यहां की श्रीछठ पूजा देखने योग्य है। हंबड़ा में बिहार के लोगों ने डेढ़ किल्ला जमीन खरीद कर चारों ओर से कॉलोनी में 32 घर बनाया गया है और बीच में एक मंदिर और श्रीछठ घाट का निर्माण करवाया है। कासाबाद में काफी समय से और मत्तेवाड़ा जंगल के पार सतलुज दरिया पर भी तीन वर्ष से विशाल पूजन हो रहा है।
बिहार के लोगों ने बना ली जागरण टीम
वैष्णों माता का गुणगान करने के लिए कलाकारों ने अच्छी टीम बना रखी है। इस टीम में मुकेश जागरण पार्टी, सुरजीत झा, नीलम शारदा पार्टी, मनोज, सुमन एंड पार्टी, प्रीति एंड पार्टी, मेहता एंड पार्टी, नीतू सिन्हा एंड पार्टी, राजेश पाठक एंड जागरण पार्टी आदि शामिल है।