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पीएयू वैज्ञानिकों ने तैयार किया इको फ्रेंडली रिपेलेंट, इस कपड़े की शर्ट पहनिए, पास नहीं फटकेंगे मच्छर

पीएयू (Punjab Agricultural University) वैज्ञानिकों ने मच्छरों से बचाने वाला खास इको फ्रेंडली रिपेलेंट तैयार किया है। यह डेंगू मलेरिया व चिकनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारियों से बचाएगा। कपड़े पर कोटिंग के बाद इस पर बीस धुलाई तक असर रहता है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 08:17 PM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 09:28 AM (IST)
पीएयू वैज्ञानिकों ने तैयार किया इको फ्रेंडली रिपेलेंट, इस कपड़े की शर्ट पहनिए, पास नहीं फटकेंगे मच्छर
कपड़ा दिखाती पीएयू की साइंटिस्ट डॉ. सुमित ग्रेवाल (बाएं) व डिपार्टमेंट ऑफ अपैरल एंड टेक्सटाइल की हेड डा. संदीप बैंस।

लुधियाना [आशा मेहता]। कैसा हो, अगर आप शर्ट पहनकर बाहर निकलें और एक भी मच्छर आपके आस-पास न फटके। घर के अंदर भी मच्छर आपसे दूरी बनाकर रखें। न ओडोमास का झंझट और न अगरबत्ती या मास्कीटो रिपेलेंट लगाने की चिंता। यह संभव हो सका पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू) के एक शोध से।

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पीएयू के कम्युनिटी साइंस कालेज के डिपार्टमेंट ऑफ अपैरल एंड टेक्सटाइल के वैज्ञानिकों ने तीन साल के शोध के बाद मच्छरों से बचाने वाला विशेष इको फ्रेंडली रिपेलेंट तैयार किया है, जिसकी कपड़े पर कोटिंग की गई है। इसे मास्कीटो रिपेलेंट फेब्रिक नाम दिया है।

कॉलेज की डीन व डिपार्टमेंट हेड डा. संदीप बैंस, साइंटिस्ट डा. सुमित ग्रेवाल व डा. गुरप्रीत ढिल्लों का दावा है कि देश में पहली बार सौ फीसद नेचुरल व इको फ्रेंडली मास्कीटो रिपेलेंट फ्रेबिक तैयार हुआ है। डा. संदीप बैंस कहती हैं कि इस कपड़े में 15 से 20 धुलाई तक मास्कीटो रिपेलेंट का असर रहता है। इसके बाद इसका प्रभाव कम होने लगता है और आप इसे सामान्य शर्ट की तरह पहन सकते हैं। हालांकि इसकी अवधि और बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। इसे पहनने से सेहत को कोई नुकसान नहीं है। मार्केट में इस समय केमिकल मास्कीटो रिपेलेंट की भरमार है। उससे स्किन व आंखों की एलर्जी की समस्या हो सकती है।

गौरतलब है कि प्रदेश में हर साल डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया के कारण बड़ी संख्या में लोगों को जान भी गंवानी पड़ती है। ऐसे में यह शोध कारगर साबित हो सकता है। प्राइवेट कंपनियां पीएयू से यह तकनीक खरीद कर कपड़ा तैयार कर सकती हैं। पीएयू ने इसके लिए हरियाणा की एक फर्म के साथ करार किया है, जो जल्द इसे बाजार में उतारेगी। इसका रेट भी वही तय करेगी।

कपड़े पर फिक्स किए माइक्रो कैप्सूल

डा. संदीप बैंस ने बताया कि इस फ्रेबिक को हमने पौधों के अर्क से तैयार किया है। कई पौधों के अर्क में मच्छरों को दूर भागने के गुण होते हैं। हमने सफेदा, सिट्रोनेला व रोजमेरी का अर्क निकाल कर तीन तरह के माइक्रो कैप्सूल बनाए और एक विशेष तरह की मशीन के जरिए अलग-अलग सूती कपड़ों में इसे फिक्स कर दिया। माइक्रो कैप्सूल बेहद सूक्ष्म होते हैं। इन्हेंं नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता है। इसके बाद शर्ट, ग्लव्ज, रिस्ट बैंड, जुराबें, पिलो कवर तैयार किए। सफेदे के अर्क से तैयार किए गए कपड़े मच्छर भगाने में अधिक कारगर है। क्योंकि इसमें फाइटो केमिकल होते हैं, जिससे मच्छर दूर भागते हैं।

तीन किस्म के मच्छरों पर प्रयोग

जूलॉजी डिपार्टमेंट की प्रोफेसर डा. दविंदर कोचर ने एडिज, क्यूलेक्स व एनाफिलीज मच्छर पर इसका प्रयोग किया। हमने देखा कि मास्कीटो रिपेलेंट फ्रेबिक से बनाए गए ग्लव्स से तीनों तरह के मच्छर दूर रहे। इसके बाद फ्रेबिक से बनाई गई शर्ट, ग्लव्स, रिस्ट बैंड, जुराबें, पिलो कवर लोगों को इस्तेमाल करने के लिए दिए।

पीएयू के तीस विद्यार्थियों को पिलो कवर, तीस खिलाडिय़ों को रिस्ट बैंड व जुराबें व सिक्योरिटी गार्ड को शर्ट व बैंड पहनने को दिए। सभी ने बताया कि वह मच्छरों से बचे रहे हैं। डा. संदीप बैंस कहती है इससे बेडशीट, नाइट सूट, हर आयु वर्ग के लिए रोज इस्तेमाल में होने वाले परिधान भी बनाए जा सकते हैं।


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