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पीएयू के फैसले के बाद अब चाय की चुस्की बंद

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) में स्थित कैंटीन संचालक इन दिनों उठते-बैठते कोरोना वायरस को कोस रहे है।

By Edited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 06:00 AM (IST)
पीएयू के फैसले के बाद अब चाय की चुस्की बंद
पीएयू के फैसले के बाद अब चाय की चुस्की बंद

आशा मेहता, लुधियाना : पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) में स्थित कैंटीन संचालक इन दिनों उठते-बैठते कोरोना वायरस को कोस रहे हैं, क्योंकि कोरोना ने उनका कारोबार चौपट कर दिया है। इस वायरस की वजह से लोगों का पेट भरने वाले कैंटीन संचालकों को अपने लिए ही दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो गया है। दरअसल, दो सप्ताह पहले यूनिवर्सिटी की एक सीनियर असिस्टेंट अपने कोरोना पॉजिटिव पति के संपर्क से पॉजीटिव आई थी। इसके बाद पीएयू को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया था। इस सोमवार को यूनिवर्सिटी खुली, लेकिन इसके साथ ही अधिकारियों ने नियम बना दिए कि कैंपस के दफ्तरों में चाय सर्व नहीं होगी। कैंटीन संचालकों को सेवाएं सीमित रखने के लिए कह दिया गया। पीएयू के इस फैसले से जहां कैंटीन की चाय दफ्तरों में जानी बंद हो गई है, वहीं ग्राहकों का आना-जाना कम हो गया है। अब कमाई बंद होने से कैंटीन संचालक परेशान हैं। ट्रैफिक पुलिस इनसे परेशान नियम और कानून सबके लिए समान हैं। मगर कई ऐसे लोग भी हैं जो अपने पद का रौब दिखाते हुए इन नियमों का पालन नहीं करते। यहां बात हो रही है सरकारी कर्मचारियों की। उनसे शहर के प्रमुख चौराहों पर तैनात ट्रैफिक मुलाजिम परेशान हैं। वे नियम तोड़ने के बावजूद बच जाते हैं। शहर के दो मुख्य चौकों पर तैनात महिला ट्रैफिक पुलिस कर्मियों ने बातों-बातों में बताया कि आम लोग तो ट्रैफिक नियमों का पालन कर रहे हैं, लेकिन सरकारी मुलाजिमों का बुरा हाल है। वे बिना हेलमेट पहने वाहन चलाते हुए जब पकड़े जाते हैं तो अपने पद और विभाग का दबदबा जमाने की कोशिश करते हैं। जब ट्रैफिक कर्मी नियम तोड़ने पर कार्रवाई करने लगते हैं तो वे अपने अफसरों से फोन करवा देते हैं। ऐसे मुलाजिमों ने तो नियम खूंटे पर टांग रखे हैं। अगर वे चालान काटते हैं, तो उनसे ही सवाल-जवाब होने लगते हैं। इंसाफ की डगर मुश्किल आम दिनों में अकसर देखने को मिलता रहा है कि कमिश्नरेट के 31 पुलिस थाने रात को बंद हो जाते थे। संतरी गेट बंद कर अंदर बैठा रहता था और बहुत जरूरी होने पर ही गेट खुलता था। कारण, नफरी की कमी बताई जाती थी। मगर अब कोरोना काल में ऐसा समय आया है कि थाने दिन में भी बंद होने लगे हैं। अब तक करीब सौ से अधिक पुलिस मुलाजिम कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। इस कारण पुलिस हेडक्वार्टर के साथ-साथ पुलिस थाने भी बंद करने पड़ रहे हैं। हाल ही में छह नंबर थाना, आठ नंबर थाना और तीन नंबर थाना के पुलिस मुलाजिमों को कोरोना हो गया है। इस वजह से इन तीनों थानों को बंद कर दिया गया है। ऐसे में अब लोगों के लिए इंसाफ की डगर थोड़ी मुश्किल हो गई है। लोग यही दुआ कर रहे हैं कि थाने के मुलाजिम जल्द ठीक हों। काश! रोज अफवाह फैले सिविल अस्पताल में भले ही आम दिनों में व्यवस्था जैसी भी हो, लेकिन जैसे ही कोई वीवीआइपी के शहर में आने की सूचना मिलती है तो व्यवस्था एकाएक बदल जाती है। ऐसा ही कुछ शुक्रवार को हुआ। अस्पताल के प्रबंधकों को पता चला कि सेहत मंत्री रायकोट में आ रहे हैं और वह सिविल अस्पताल में भी आ सकते हैं। ऐसे में स्टाफ को हिदायतें दे दी कि अस्पताल को चकाचक करके रखें। जहां कहीं भी कचरा है, उसे उठवा दो। एंट्री गेट से अंदर तक कहीं भी गंदगी न हो जिससे कि मंत्री जी आएं तो देखकर खुश हो जाएं। स्टाफ भी सुबह से सफाई में जुटा रहा, मगर दोपहर को पता लगा कि मंत्री सिविल अस्पताल नहीं आ रहे। हालांकि अस्पताल को चकाचक देख मरीज भी खुश थे। इसकी काफी चर्चा रही और लोग बोले कि काश रोज मंत्री के आने ही अफवाह फैले ताकि अस्पताल चमकता रहे।

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