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वर्चुअल किसान मेला : आय बढ़ानी है तो प्रोसेसिग व वैल्यू एडिशन की राह अपनाएं किसान

पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू) की ओर से आयोजित वर्चुअल किसान मेले में दूसरे दिन पंजाब सहित अन्य राज्यों से करीब 6.76 लाख किसान जुड़े। इनमें से करीब 70 हजार किसान राजस्थान हरियाणा उत्तर प्रदेश व हिमाचल के थे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Sep 2021 09:30 PM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 09:23 AM (IST)
वर्चुअल किसान मेला : आय बढ़ानी है तो प्रोसेसिग व वैल्यू एडिशन की राह अपनाएं किसान
वर्चुअल किसान मेला : आय बढ़ानी है तो प्रोसेसिग व वैल्यू एडिशन की राह अपनाएं किसान

जागरण संवाददाता, लुधियाना : पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू) की ओर से आयोजित वर्चुअल किसान मेले में दूसरे दिन पंजाब सहित अन्य राज्यों से करीब 6.76 लाख किसान जुड़े। इनमें से करीब 70 हजार किसान राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व हिमाचल के थे। दूसरे दिन ज्यादातर किसानों का सवाल था कि खेतीबाड़ी से मुनाफा कैसे किया जाए और आय कैसे बढ़ाई जाए। इनमें से ज्यादातर सब्जी उत्पादक और बागवान थे। पीएयू के माहिरों ने कहा कि पंजाब में ज्यादातर किसान अब भी सिर्फ खेती करते हैं। फसल उगाते हैं और मंडी में छोड़ आते हैं। दूसरी तरफ हरियाणा और दूसरे कई राज्यों में किसान कृषि विविधकरण को अपनाकर प्रोसेसिग और वैल्यू एडिशन करके अपनी आय बढ़ा रहे हैं। पंजाब के किसान भी गेहूं-धान लगाने के साथ साथ फलों, सब्जियों व दूध की वैल्यू एडिशन और प्रोसेसिग की तरफ ध्यान दें तो कास्ट आफ प्रोडक्शन पूरी हो सकती है। इसमें पीएयू किसानों की मदद करेगा।

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माहिरों ने बताया कि पीएयू में साल 2015 में फूड इंडस्ट्री बिजनेस इंक्यूबेशन सेंटर स्थापित किया गया। यहां पर किसानों को अनाज, फल, सब्जियों, दूध से हाई क्वालिटी के अलग-अलग तरह के प्रोडक्ट बनाने की ट्रेनिग दी जाती है। साथ ही उनकी सहायता भी जाती है। किसान इन सेटरों पर अपनी क्राप लेकर आएं, प्रोसेसिग करें, प्रोडक्ट बनाएं और फिर मार्केट में लेकर जाएं और मुनाफा कमाएं। यहीं नहीं, पीएयू में एग्री इक्यूबेटर सेंटर भी हैं। ये सेंटर एंटरप्रिन्योर के सपनों को साकार करने में अहम रोल अदा करता है। अगर किसी किसान के पास कोई अच्छा आइडिया है, तो फंडिग दिलाने में मदद की जाती है।

महिला किसान भी वर्चुअल किसान मेले का हिस्सा बनीं। महिला किसानों ने यूनिवर्सिटी के अलग-अलग विभागों के एक्सपर्ट से घर बैठे ही रोजगार के साधनों के बारे में जानकारी ली। इसमें ज्यादातर सवाल भोजन विज्ञान व टेक्नोलाजी डिपार्टमेंट, प्रोसेसिग व भोजन इंजीनियरिग, सब्जी विज्ञान विभाग व कम्युनिटी साइंस कालेज के एक्सपर्ट से पूछे गए। महिला किसानों ने सब्जियों, फलों, अनाज से किस-किस तरह के खाद्य उत्पाद बनाए जा सकते हैं और कोरोना के खतरे से निपटते हुए उत्पादों को मार्केट में किस तरह से बेचा जा सकता है, उसकी जानकारी ली।

एक घंटे तक लिक नहीं खुला, कनेक्टिविटी में आई समस्या

मेले के दूसरे दिन दोपहर साढ़े बारह बजे से लेकर डेढ़ बजे तक किसानों को मेले से जोड़ने वाला पीएयू का वेबसाइट लिक नहीं खुल रहा था। किसानों का कहना था कि जब भी वह लिक क्लिक कर रहे थे तो स्क्रीन पर बार-बार नोट रीचेबल का संदेश आ रहा था। जब कनेक्ट हुए तो साउंट क्लीयर नहीं था। कनेक्टिविटी में दिक्कत आ रही थी।

अग्रणी किसानों ने अपनी सफलता की कहानी बताई

वर्चुअल किसान मेले के आखिरी दिन अग्रणी किसानों ने अपने अनुभव सांझा करते हुए दूसरे किसानों को कुछ अलग करने के लिए प्रेरित किया। ये अग्रणी किसान वह थे, जिन्हें यूनिवर्सिटी की ओर से बीते वर्षों में कृषि क्षेत्र में कुछ नया व अलग करके मिसाल कायम की और दूसरों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने। अग्रणी किसानों ने लाइव सेशन के दौरान हजारों किसानों को प्रेरित किया कि वैज्ञानिकों के मार्ग दर्शन में खेती करके मुनाफा कमाया जा सकता है।


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