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मशीनरी से होता है सही पराली प्रबंधन, पैदावार भी बढ़ती है

पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू) की ओर से कोविड को देखते हुए लगातार दूसरे साल किसान मेले का आयोजन वर्चुअल तौर पर किया जा रहा है। धान की कटाई के सीजन को देखते हुए मेले का थीम करें पराली की संभाल धरती मां हो खुशहाल रखा गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Sep 2021 07:52 AM (IST)Updated: Sat, 18 Sep 2021 07:52 AM (IST)
मशीनरी से होता है सही पराली प्रबंधन, पैदावार भी बढ़ती है
मशीनरी से होता है सही पराली प्रबंधन, पैदावार भी बढ़ती है

जागरण संवाददाता, लुधियाना : पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू) की ओर से कोविड को देखते हुए लगातार दूसरे साल किसान मेले का आयोजन वर्चुअल तौर पर किया जा रहा है। धान की कटाई के सीजन को देखते हुए मेले का थीम 'करें पराली की संभाल, धरती मां हो खुशहाल' रखा गया है।

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दो दिवसीय किसान मेले का शुभारंभ शुक्रवार को हुआ, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने किया। इस दौरान दौरान पीएयू के वीसी अनिरुद्ध तिवारी, गडवासू के वीसी डा. इंद्रजीत सिंह भी मौजूद रहे। पीएयू के एडशिनल डायरेक्टर आफ कम्युनिकेशन डा. टीएस रियाड़ के अनुसार सूबे से करीब सवा चार लाख किसान इसमें शामिल हुए। पीएयू के माहिरों ने बताया कि ज्यादातर किसानों ने पराली प्रबंधन को लेकर सवाल पूछे, क्योंकि धान की कटाई शुरू होने वाली है। वर्चुअल किसान मेले में अलग-अगल विषयों को लेकर पैनल डिस्कशन भी हुई। इसका फेसबुक व यूट्यूब पर सीधा प्रसारण किया गया। लाइव सैशन में चैट के जरिए किसानों ने सवाल पूछे।

पहली पैनल डिस्कशन पराली प्रबंधन पर हुई। इसमें कई किसानों ने पूछा कि बाजार में एक कैप्सूल आया है, जिसे लेकर कहा जा रहा है कि अगर इस कैप्सूल को पानी या गुड़ में मिलाकर घोल बनाकर पराली पर छिड़क दिया जाए, तो पराली बहुत जल्दी खत्म हो जाती है। कई किसानों ने पूछा कि पराली प्रबंधन में मशीनरी कितनी कारगर है। इस पर माइक्रोबायोलाजी विभाग के प्रमुख डा. कोचर ने जवाब दिया कि पूसा की तरफ से यह कैप्सूल तैयार किया गया है, जिसे डीकंपोजर कहते हैं। यह कैप्सूल जीवाणु क्रिया पर आधारित है, जो पराली को जल्दी गलाने में मदद करते हैं। पूसा की तरफ से दावा किया गया है कि इस कैप्सूल से 20 से 25 दिन में ही पराली खेत में ही गल जाती है। हालांकि हमारे तजुर्बें कहते हैं कि डीकंपोजर से पराली जल्दी नहीं गलती है। मशीनरी के जरिए पराली प्रबंधन से जहां इसके खेत में गलने की प्रक्रिया को तेज किया जा सकता है, वहीं पैदावार भी अधिक होती है। उन्होंने कहा कि पराली प्रबंधन को लेकर इस साल पीएयू की तरफ से स्मार्ट सीडर तैयार किया गया है। यह सीडर हैप्पी सीडर व सुपर सीडर का सुमेल है। इससे धान की कटाई के बाद गेहूं की सीधी बिजाई की जा सकती है। इसके अलावा सुपर सीडर व हैप्पी सीडर मशीनरी भी पराली प्रबंधन में बेहद कारगर है।

बीज खरीदने के लिए किसान पीएयू पहुंचे

शुक्रवार को जानकारी के अभाव में करीब 100 से अधिक किसान बीज लेने के लिए पीएयू कैंपस पहुंच गए। किसानों का कहना था कि उन्हें आनलाइन मेले की जानकारी नहीं थी। इसी वजह से कैंपस में आ गए। दरअसल, किसानों को बीज के लिए कोई दिक्कत न आए, इसे लेकर पीएयू ने आनलाइन प्लेटफार्म तैयार किया। इसके तहत पीएयू ने फार्म इनपुट एप तैयार किया। इस एप की मदद से किसान घर बैठे अपने जिले में ही पीएयू के बीज केंद्रों से अपनी जरूरत के हिसाब से अलग-अलग फसलों के बीज बुक करवा सकते हैं और फिर दिए गए समय पर जाकर बीज प्राप्त कर सकते हैं।


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