पेट्रोल पर वैट में पंजाब की 'सरदारी' बरकरार
उत्तर भारत के तमाम राज्यों के मुकाबले पंजाब में पेट्रोल पर वैट की दर काफी अधिक होने के चलते यहां के लोग महंगा पेट्रोल खरीदने को मजबूर हैं, लेकिन सरकार कोई राहत नहीं दे रही है।
राजीव शर्मा, लुधियाना
पेट्रोल पर वैट के मामले में पंजाब की 'सरदारी' बरकरार है। उत्तर भारत के तमाम राज्यों के मुकाबले पंजाब में पेट्रोल पर वैट की दर काफी अधिक होने के चलते यहां के लोग महंगा पेट्रोल खरीदने को मजबूर हैं, लेकिन सरकार कोई राहत नहीं दे रही है। पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन पंजाब का तर्क है कि सरकार से कई बार तर्को के साथ बातचीत की गई है, बावजूद इसके कोई नतीजा नहीं निकला। काबिलेजिक्र है कि कांग्रेस ने सूबे में विधानसभा चुनाव से पहले पेट्रोल पर वैट की दर पड़ोसी राज्यों के मुकाबले करने का वादा किया था, लेकिन अब तक यह वादा पूरा नहीं किया गया है। अब कांग्रेस पेट्रोल डीजल की कीमतें कम करने को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ 31 मई को प्रदर्शन करने जा रही है। राज्य : पेट्रोल पर वैट की
पंजाब : 35.40 फीसद
चंडीगढ़ :19.76 फीसद
दिल्ली : 27 फीसद
हरियाणा : 26.25 फीसद
हिमाचल : 24.34 फीसद
राजस्थान : 30.87 फीसद
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चंडीगढ़ में 75 तो लुधियाना में 83.99 में प्रट्रोल
राज्यों के वैट के अलावा केंद्र सरकार भी पेट्रोल पर 19.48 रुपये और डीजल पर 15.33 रुपये प्रति लीटर ड्यूटी एवं सेस वसूल कर रही है। चंडीगढ़ में पेट्रोल का दाम 75.43 रुपये प्रति लीटर है, जबकि लुधियाना में 83.99 रुपये प्रति लीटर है, जोकि चंडीगढ़ के मुकाबले 8.56 रुपये अधिक है। महंगे पेट्रोल से सूबे की जनता परेशान है। 9 माह में 15.79 रुपये तक बढ़े दाम
पिछले नौ माह में पेट्रोल के दाम 15.79 रुपये प्रति लीटर तक उछल गए हैं। दो जुलाई 2017 को सूबे में पेट्रोल के दाम 68.20 रुपये प्रति लीटर थे, जबकि आज का दाम 83.99 रुपये प्रति लीटर रहा। केंद्र ने वैट कम करने का किया था आग्रह
केंद्र सरकार ने चार अक्तूबर 2015 को पेट्रोल से एक्साइड ड्यूटी दो रुपये प्रति लीटर कम की, साथ ही राज्यों को भी वैट कम करने का आग्रह किया। बावजूद इसके पंजाब ने वैट की दर में कोई कमी नहीं की। कारोबारियों को झेलना पड़ रहा घाटा
पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन पंजाब के महासचिव मनजीत सिंह एवं नवनीत का कहना है कि चंडीगढ़ में रेट कम होने का खामियाजा पेट्रोल पंप कारोबारियों को भी उठाना पड़ रहा है। हालत यह है कि पंजाब में पेट्रोल पंपों की औसतन बिक्री 110 किलोलीटर मासिक है, जबकि चंडीगढ़ में यह करीब 400 किलो लीटर प्रति माह है। इसे मैनेज करना मुश्किल हो रहा है।