पटियाला में जुड़वां बच्चों से गर्भवती महिला की मौत पर निजी अस्पताल में हंगामा, इलाज में लापरवाही के आरोप
भवानीगढ़ के राजिंदर पाल ने बताया कि उसने पत्नी इंदरजीत को समाना के अरोड़ा अस्पताल में भर्ती करवाया था। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसे पटियाला रेफर कर दिया गया जहां पहुंचने के दो घंटे के बाद उसकी मौत हो गई।
जासं, पटियाला। एक गर्भवती महिला और उसके जुड़वां बच्चों की मौत होने पर तहसील रोड पर स्थित एक निजी अस्पताल में लोगों ने हंगाम कर दिया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में उचित इलाज न होने के कारण महिला व जुड़वा बच्चों की मौत हुई है। वहीं, अस्पताल प्रबंधन ने सभी आरोप निराधार बताते हुए इलाज में लापरवाही की बात खारिज कर दी है।
भवानीगढ़ के राजिंदर पाल ने बताया कि उसकी शादी को करीब 10-12 वर्ष हो चुके हैं। उनके घर कोई संतान नहीं थी। उन्हें मालूम हुआ कि बे-ओलाद महिलाओं को संतान प्राप्ती के लिए समाना के अरोड़ा अस्पताल में टेस्ट ट्यूब विधि से संतान पैदा की जाती है। इसके बाद वह पत्नी इंद्रजीत कौर (32) को समाना के अरोड़ा अस्पताल लेकर गए। वहां डा. अमिता अरोड़ा ने उसकी पत्नी की जांच पड़ताल करने के बाद कहा कि उन्हे संतान की प्राप्ति हो सकती है। उन्होंने अस्पताल से इलाज करवाना शुरू कर दिया। राजिंदर पाल ने बताया इलाज के दौरान डा. अमिता अरोड़ा ने बताया कि उसकी पत्नी इंद्रजीत कौर के पेट में जुड़वां बच्चे पल रहे हैं। मौजूदा समय में उसकी पत्नी इंद्रजीत कौर के पेट में करीब सवा आठ माह के जुडवां बच्चे पल रहे थे।
गत दिन उसकी पत्नी के पेट में अचानक से दर्द होने लगा तो वह उसे अरोड़ा अस्पताल में ले आए। डाक्टर ने बताया कि पत्नी का आक्सीजन स्तर घट रहा है। अस्पताल में ही उसकी पत्नी को आक्सीजन लगाने के साथ इलाज शुरु हुआ। इसके बावजूद हालत में सुधार नहीं हुआ। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसे पटियाला रेफर कर दिया गया। पटियाला पहुंचने के करीब दो घंटे के बाद उसकी पत्नी की मौत हो गई। राजिदंरपाल ने अरोप लगाया कि अरोडा अस्पताल की डा. अमिता के इलाज की ओर से इलाज में कोताही के कारण उसकी पत्नी और अजन्मे जुड़वां बच्चों की मौत हुई है।
आरोप गलत व निराधार : डा. अमिता
इस सबंध में डा. अमिता अरोड़ा ने कहा कि जिस समय इंदरजीत कौर उनके पास आई थी, जांच करने पर उसके शरीर में कोरोना के लक्षण थे, पल्स भी सही नहीं चल रही थी। उसे बुखार भी था। इंदरजीत की हालत को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद पटियाला रेफर का दिया था। उन्होंने इलाज में कोताही के आरोप पूरी तरह गलत बताए।