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Patiala Suicide Case: डेंटिस्ट आकृति सुसाइड केस में आरोपित 19 दिन बाद भी पुलिस की पकड़ से बाहर

Patiala Suicide Case ससुरालियों से परेशान होकर खुदकुशी करने वाली डेंटिस्ट डा. आकृति के मामले में 19 दिन बाद भी आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। आकृति के पिता सत्यापाल सिंह ने एसएसपी पटियाला से मुलाकात करने के बाद आरोपितों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है।

By Vipin KumarEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 03:29 PM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 03:29 PM (IST)
Patiala Suicide Case: डेंटिस्ट आकृति सुसाइड केस में आरोपित 19 दिन बाद भी पुलिस की पकड़ से बाहर
डेंटिस्ट डा. आकृति के मामले में 19 दिन बाद भी आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। (सांकेतिक तस्वीर)

जागरण संवाददाता, पटियाला। Patiala Suicide Case: ससुरालियों से परेशान होकर खुदकुशी करने वाली डेंटिस्ट डा. आकृति के मामले में 19 दिन बाद भी आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। आकृति के पिता सत्यापाल सिंह ने एसएसपी पटियाला से मुलाकात करने के बाद आरोपितों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है। पीड़ित परिवार ने दावा किया है कि आरोपितों ने रात के समय अपनी कोठी में चुपचाप से सामान लेकर दोबारा से फरार हो गए हैं, जिसकी पसियाणा थाना को भनक तक नहीं लग पाई है।

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उधर पसियाणा थाना इंचार्ज ट्रेनी डीएसपी नेहा अग्रवाल ने कहा कि पुलिस आरोपितों को काबू करने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है, इन आरोपितों का सुराग नहीं लग पाने की वजह से गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। कुछ सुराग मिले हैं, जिसके आधार पर इन्हें काबू किया जाएगा। घर को लाक करने के बाद मोहल्ले के प्रधान को चाबी सौंपी थी लेकिन इसे सील नहीं किया है। इस मामले में उत्तराखंड के देहरादून जिला के लाल बहादर शास्त्री मार्ग माजरा निवासी सत्यापाल सिंह की शिकायत पर आरोपित पति अमनदीप सिंह व उसकी मां शरनजीत कौर निवासी गुरमीत एंकलेव के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। अस्पताल में लाश छोड़ भागे थे आरोपित पीड़ित सत्यापाल ने बताया कि उनकी बेटी की अरेंज मैरिज अप्रैल 2021 में अमनदीप सिंह के साथ हुई थी।

आरोपित अमनदीप सिंह मोबाइल की दुकान करता है और उसकी मां शरनजीत कौर कपड़ों की दुकान चलाती है। परिवार का अच्छा स्टेट्स देखते हुए हैसियत से अधिक खर्चा कर शादी कर दी थी लेकिन कुछ दिनों के बाद ही उसकी बेटी को पति व सास तंग करने लगे थे। इस बात को लेकर कई बार दोनों परिवार के लोगों ने पंचायती तौर पर समझौता किया और आकृति के ससुरालियों को समझाया भी था।

बावजूद इसके हालात नहीं सुधरे, 28 सितंबर की सुबह आकृति ने अपने पिता सत्यापाल को फोन करके तंग व परेशान करने की बात कही। बाद में उसकी मौत का पता चला तो सत्यापाल मौके पर पहुंचे। पटियाला पहुंचने पर पता चला कि आरोपित उनी बेटी की लाश को राजिंदरा अस्पताल में छोड़कर फरार हो गए थे।


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