इमरजेंसी में कर्फ्यू पास जारी कर सकेंगे पंचायत प्रधान, सिर्फ रात में ही होगा मान्य
एडिशनल चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सतीश चंद्रा द्वारा जारी किए गए पत्र का हवाला देते हुए ने बताया कि इस पास होल्डर के पास उसका कोई आइडी कार्ड कार्ड होना आवश्यक है।
लुधियाना, जेएनएन। अगर किसी को इमरजेंसी के लिए कहीं जाना पड़े तो सरपंच से कर्फ्यू पास बनवाया जा सकता है। स्थानीय निकाय विभाग ने किसी एमरजेंसी के लिए रात को कर्फ्यू पास जारी करने के लिए पंचायत व कौसिंल को अधिकृत किया है। शाम सात से सुबह छह बजे तक समयसीमा के लिए जारी होने वाले इन कर्फ्यू पास के बारे में जानकारी देते हुए डीसी प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में दिहाड़ीदार मजदूरों व जरूरतमंदों की आर्थिक मदद के लिए भी पंचायतों को कहा गया है।
एडिशनल चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सतीश चंद्रा द्वारा जारी किए गए पत्र का हवाला देते हुए ने बताया कि इस पास होल्डर के पास उसका कोई आइडी कार्ड कार्ड होना आवश्यक है। मरीज होने की हालत में एक व्यक्ति उक्त पास होल्डर के साथ जा सकेगा। लेकिन यह पास सिर्फ रात के लिए ही मान्य होंगे।
कर्फ्यू के चलते निगम को आपातस्थिति के लिए एक लाख प्रतिदिन व कुल अवधिक के लिए 20 लाख तक खर्च करने के लिए अधिकृत किया है। इसी तरह ए क्लास की नगर कौसिंल को प्रतिदिन 25 हजार व अधिकतम 5 लाख, बी क्लास कौंसिल के लिए प्रतिदिन 15 हजार व अधिकतम 2.5 लाख रुपये खर्च करने के लिए अधिकृत किया गया है। अग्रवाल ने कहा कि जिस भी व्यक्ति की आर्थिक मदद की जाएगी उसका रिकॉर्ड पंचायत को मेंनटेन करना होगा।
आपदा की घड़ी में ग्राम पंचायतें निभाएं अहम रोल: मोही
कोरोना वायरस के खिलाफ लोगों को सरकार और सेहत विभाग की तरफ से दिए आदेशों का पालन करनी होगा। उक्त विचारों का प्रगटावा करते स्टेट अवॉर्डी अध्यापक अजमेल सिंह मोही ने किया। ग्राम पंचायतें इस महामारी में बड़ा रोल अदा कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि यदि ग्राम पंचायतें दूसरे गांव के किसी भी व्यक्ति को अपने गांव में आने से मना करें तो बड़ी स्तर पर जहां कोरोना से बचाव रहेगा वहीं सरकारी और प्रशासनिक आधिकारियों की मदद भी होगी।
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