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ये है पंजाब की एक बेटी की छोटे से जीवन की दर्द भरी कहानी, अंत में लिखा... बच्चे पाल नहीं सकते तो पैदा भी न करें

मां-बाप तो तलाक ले लेते हैं लेकिन उसके बाद बच्चे कैसे दर्द झेलते हैं यह दिखा पंजाब के मोगा की खुशप्रीत कौर के सुसाइड नोट में। स्कूल में शोषण का प्रयास हुआ तो उसने खुदकुशी कर ली। अंत में लिखा बच्चे पाल नहीं सकते तो बच्चे पैदा न करें मां-बाप।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 09:52 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jun 2021 08:41 PM (IST)
ये है पंजाब की एक बेटी की छोटे से जीवन की दर्द भरी कहानी, अंत में लिखा... बच्चे पाल नहीं सकते तो पैदा भी न करें
खुदकुशी करने वाली खुशप्रीत कौर की फाइल फोटो।

मोगा [सत्येन ओझा]। एसबीआरएस गुरुकुल स्कूल की सुसाइड करने वाली 11वीं कक्षा की छात्रा खुशप्रीत कौर ने अपने सुसाइड नोट में ये तो साफ कर दिया है कि वह स्कूल के शारीरिक शिक्षा विभाग के अध्यापक व उसके अनैतिक कामों में साथ दे रही स्कूल प्रिंसिपल की बेटी की वजह से सुसाइड कर रही है। साथ ही सुसाइड नोट में जो कमेंट खुशप्रीत कौर ने किया उसने बच्चों के भविष्य की परवाह किए बिना तलाक लेने वाले मां-बाप पर बड़ा सवाल खड़ा किया है।

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खुशप्रीत कौर ने सुसाइड नोट में लिखा है 'बच्चे पाल नहीं सकते हैं तो पैदा भी न करें मां-बाप।' दो साल की उम्र से नाना-नानी के पास रह रही खुशप्रीत को जब तक पिता शब्द समझ में आया तब तक पिता का प्यार उससे बहुत दूर जा चुका था। जन्म के बाद से कभी पिता ने अपनी बेटी से मिलने तक की कोशिश नहीं की। हालांकि उसकी मां खुशप्रीत पर प्यार लुटाने की कोशिश करती थी, लेकिन वह कभी मां के करीब नहीं आ सकी।

नाना ने कई बार उसे मां के पास छोड़ने का प्रयास किया, लेकिन वह वापस नाना के पास आ जाती थी। मृतका के नाना जसवीर सिंह ने बताया कि उसकी बेटी किरणदीप कौर की शादी 18 साल पहले जिला मानसा के गांव आकावाली में रहने वाले गुरप्रीत सिंह से हुई थी। शादी के बाद किरणदीप कौर ने बेटी खुशप्रीत कौर को जन्म दिया। बेटी के जन्म के करीब डेढ़ साल बाद ही तलाक हो गया था।

तलाक के कुछ समय बाद किरणदीप कौर ने लुधियाना के गांव कलार निवासी गुरदीप के साथ शादी कर ली और वह कनाडा में बस गई। दो साल की उम्र से ही खुशप्रीत कौर अपने नाना-नानी के पास रहने लगी थी, परिवार में 70 साल के नाना, नानी व खुशप्रीत कौर थे। नाना खुशप्रीत कौर की पढ़ाई को लेकर काफी गंभीर थे, इसी कारण वे गांव से शहर में शिफ्ट हो गए थे। उन्होंने खुद मां-बांप की कमी महसूस नहीं होने दी। नाना जसवीर सिंह बताते हैं कि वह लोगों से कहती भी थी कि मां-बाप क्या होते हैं, उनके नाना-नानी से कोई सीखे।

क्या कहती हैं मनो चिकित्सक मनोचिकित्सक

डा.राधिका सेठ का कहना कि बच्चे के सबसे करीब पेरेंट्स होते हैं। ब्लैकमे¨लग के कारण जब उसने सुसाइड का फैसला लिया तो उसके मन में मां-बाप के अभाव का दर्द फूट पड़ा था, अगर पेरेंट्स होते तो शायद वह ब्लैकमेलिंग के सदमे से बाहर आ जाती।

छुट्टी के दिन भी खुशप्रीत को मजबूर किया जाता था स्कूल आने को

छात्रा खुशप्रीत कौर के सुसाइड मामले में छात्रा के नाना ने स्कूल प्रशासन व पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। नाना जसवीर सिंह का कहना है कि छुट्टी के दिन भी खुशप्रीत कौर को स्कूल में बुलाया जाता था। खुशप्रीत नहीं जाना चाहती थी तो प्रिंसिपल की बेटी उसे जबरन स्कूल लेकर जाती थी। नाना ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि उन्होंने जब थाना मैहना पुलिस को खुशप्रीत कौर के सुसाइड करने की सूचना दी तो पुलिस ने पहले आरोपितों को सूचित कर उन्हें भगाने का काम किया, बाद में सूचना देने के एक घंटे बाद मैहना पुलिस मौके पर पहुंची। यही वजह है कि अभी तक किसी की गिरफ्तारी भी नहीं की जा रही है।

खुशप्रीत कौर के मोबाइल फोन में खुशप्रीत को ब्लेकमेलिंग करने के राज मौजूद हैं। नाना के मुताबिक उन्हें आशंका है कि पुलिस आरोपितों को बचाने के लिए मोबाइल फोन का डाटा खत्म कर सकती है। इस बेहद संवेदनशील मामले में पुलिस अधिकारियों ने पूरे मामले में चुप्पी साध ली है। डीएसपी धर्मकोट सुबेग सिंह व थाना प्रभारी मैहना जगविंदर सिंह ने मीडिया से दूरी बना ली है, शनिवार को कई बार फोन करने के बाद दोनों अधिकारियों ने फोन तक पिक नहीं किया, न ही घटना के 48 घंटे बाद पुलिस किसी को भी गिरफ्तार कर सकी है।

चाहल बनाना चाहता था संबंध

पुलिस सूत्रों का कहना है कि प्रारंभिक जांच में ये बात सामने आ रही है कि इस मामले में नामजद स्कूल का डीपी अमनदीप चाहल खुशप्रीत के साथ रिलेशन बनाना चाहता था। प्रिंसिपल हरप्रीत कौर की बेटी रवलीन कौर डीपी की इस इच्छा में उसकी मदद करती थी। घटना के 24 घंटे बाद प्रिंसिपल हरप्रीत कौर का कहना है कि उन्हें खुशप्रीत कौर के सुसाइड के बारे में कोई जानकारी नहीं है, न ही उनसे कभी किसी ने खुशप्रीत कौर को लेकर कोई शिकायत की।

मृतका के नाना ने उठाए सवाल

मृतका के नाना जसवीर सिंह का कहना है कि प्रिंसिपल झूठ बोल रही है। उन्होंने जिस प्रकार से स्कूल में जाकर प्रिंसिपल को खूब खरी खोटी सुनाई थीं, उस दिन स्कूल का दूसरा स्टाफ भी वहां आ गया, गार्ड तक आ गए थे, स्कूल के सीसीटीवी चेक कर सारे मामले की सच्चाई सामने आ जाएगी। उन्होंने ये भी सवाल उठाया कि जब उन्होंने थाना मैहना पुलिस को खुशप्रीत के सुसाइड की सूचना दी तो उसके कुछ देर बाद ही स्कूल का डीपी व प्रिंसिपल परिवार के साथ स्कूल से फरार हो गए। आखिर उन्हें सूचना किसने दी।

उन्होंने साफ आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें भगाया है, यही वजह है कि पुलिस ने अभी तक स्कूल के सीसीटीवी की डीबीआर कब्जे में नहीं ली है, डीबीआर कब्जे में लेकर जांच की जाए तो साफ हो जाएगा कि सुसाइड के कुछ देर बाद दोनों आरोपित स्कूल से फरार हुए हैं। जांच अधिकारी एएसआइ लखबीर सिंह का कहना है कि मामले की पड़ताल चल रही है, मोबाइल लैब में जांच के लिए भेजा जा रहा है।

आरोपितों को गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।इस बीच में खुशप्रीत की घटना के बाद स्कूल के बच्चों से जो बातें सामने आ रही हैं वे बेहद गंभीर हैं, स्कूल हास्टल में आए दिन पार्टियां होती थीं, वहां बच्चों को नशा तक पहुंचता था, डीपी की भूमिका इसमें संवेदनशील रहती थी, स्कूल के बच्चों से अगर पूछताछ की जा जाए तो बहुत कुछ ऐसा सामने आ सकता है जिसकी किसी स्कूल कैंपस में कल्पना करना तक मुश्किल है।


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