सड़कों पर यमदूत बन दौड़ रहे ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉलियां, प्रशासन कर रहा हादसे का इंतजार Ludhiana news
ट्रैफिक पुलिस बेशक यह दावा करती है कि सब वाहनों पर बराबर ट्रैफिक नियम लागू किए जाते हैं पर ओवरलोड ट्रैक्टर- ट्रॉलियां सरेआम नियम तोड़ रही हैं।
खन्ना. जेएनएन। जिला खन्ना की सड़कों पर ओवरलोड और बिना रजिस्ट्रेशन नंबर के ट्रैक्टर ट्रॉलियां घूम रही हैं और खन्ना पुलिस इस कदर अनजान बनी है कि पिछले चार वर्ष में ट्रैफिक पुलिस को सड़कों पर कोई भी ओवरलोड या बिना रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट के ट्रैक्टर- ट्रॉली नहीं मिली। आरटीआइ से मिली सूचना के आधार पर खन्ना के लोक सेवा क्लब ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी। क्लब के प्रधान पीडी बांसल ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस बेशक यह दावा करती है कि सब वाहनों पर बराबर ट्रैफिक नियम लागू किए जाते हैं पर ओवरलोड ट्रैक्टर- ट्रॉलियां सरेआम नियम तोड़ रही हैं। सरिया, लकड़ी, रेत- बजरी- ईंटों, गन्ना, भूसा, चारा, पराली, बोरियों से लदी ओवरलोड ट्रैक्टर- ट्रॉलियां सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की जान ले चुकी हैं पर कामर्शियल ढुलाई कर रहे बड़े- बड़े ट्रैक्टर- ट्रॉलियां बिना किसी डर के दिन-ब-दिन सड़कों पर बढ़ रहे हैं।
बांसल ने बताया कि 2016 से 2019 तक चार वर्ष में ओवरलोड या बिना रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट के सड़कों पर चल रही ट्रैक्टर- ट्रॉलियों का कोई भी चालान नहीं काटा गया। असली सच्चाई यह है कि ओवरलोड ट्रैक्टर- ट्रॉलियां पुलिस के सामने सड़कों पर दौड़ती हैं। दि सेंट्रल मोटर व्हीकल्स रूल्स 1989 के अंतर्गत ट्रैक्टर- ट्रॉलियां कृषि वाहन हैं और इन वाहनों को कॉमर्शियल ढुलाई के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
बॉडी से बाहर समान ढुलाई पर हो केस दर्ज
संस्था ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर बॉडी से बाहर ढोया जा रहा सामान तुरंत बंद होना चाहिए और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज होनी चाहिए। यह वाहन सबसे अधिक जानलेवा साबित हो रहे हैं। बॉडी से बाहर तक सामान लाद कर ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रालियां सड़कों पर झूमते हुए जाते हैं जो कि अन्य वाहन चालकों की जान- माल के लिए बड़ा खतरा हैं।
अदालती आदेशों का उल्लंघन
बांसल ने कहा कि क्लब द्वारा डाली गई एक जनहित याचिका में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा एसएसपी खन्ना को दिशा निर्देश दिए गए थे कि संस्था की मांगों को नियमों के अनुसार लागू किया जाए पर पांच बार लिखित विनती करने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब संस्था के पास सिर्फ एक ही विकल्प बाकी है कि अदालती आदेशों का उल्लंघन का मामला फिर से हाईकोर्ट में पेश कर सब वाहनों पर बराबर ट्रैफिक नियम लागू करन की मांग की जाए। इस अवसर पर बांसल के साथ महासचिव तारा चंद, कोषाध्यक्ष दिलप्रीत सिंह, अवतार सिंह मान, राकेश कुमार, कौशल कुमार, नवजीत सिंह और जगदीप सिंह उपस्थित थे।