श्मशान से आगे चलने वाले के जिदगी में किए शुभ कर्म ही होंगे साथ : रचित मुनि
एसएस जैन स्थानक में हिमाचल रत्न जितेंद्र मुनि रचित मुनि तेजस मुनि सुखसाता विराजमान है। रविवार की सभा में गुरुदेव रचित मुनि महाराज ने कहा कि सफाई करने से ही पात्र शुद्ध होता है। इसके बाद पात्र में जो डालोगे वह सुरक्षित रहेगा।
संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक में हिमाचल रत्न जितेंद्र मुनि, रचित मुनि, तेजस मुनि सुखसाता विराजमान है। रविवार की सभा में गुरुदेव रचित मुनि महाराज ने कहा कि सफाई करने से ही पात्र शुद्ध होता है। इसके बाद पात्र में जो डालोगे वह सुरक्षित रहेगा। पात्र गंदा हो तो सब कुछ गंदा हो जाएगा। आज विचारों की गंदगी पैदा हो रही है। सतयुग का अर्थ भी तो यही है कि सत्य का युग व कलियुग का अर्थ है कपट का धोखे का युग। अरे क्यों किसी को धोखा देते हो, मत भूलो एक दिन सब छोड़कर जाना है। मर गए तो नौकर चाकर सब हाथ बांधे खडे़ रहेंगे। तिजोरी पड़ी रहेगी। महल अटारी खड़ा रहेगा। पत्नी रोती हुई गली के मोड़ तक आपको छोड़ आएगी और अर्थी के साथ चलने वाले कहेंगे भैया जल्दी करो, दुकान पर भी जाना है। जल्दी लकड़ी लगाओ और जल्द जलाओ। श्मशान तक चलने वाले चार चालीस, चार सौ या चार हजार भी मिल जाएंगे पर श्मशान से आगे चलने वाले जिदगी में किए शुभ और अशुभ कर्म ही होंगे। मायावी लोग हमेशा स्वार्थी होते हैं। कोई अपने के लिए रोटी छोड़ देता है। तो कोई रोटी के लिए अपनों को छोड़ देता है। सदा सत्य बोलें। अंदर की सफाई भी करो। सफाई हर किसी को पसंद है। घर, शरीर, शहर सब साफ सुथरा चाहते हैं। आज बाहर की सफाई पर तो हमारा ध्यान है, पर जब तक भीतर की सफाई नहीं होगी तब तक शांति की प्राप्ति नहीं हो सकती। दुनिया भले कुछ भी कहे लेकिन हकीकत हम स्वयं जानते हैं।