पंजाब की गजब पुलिस : एक ही समय में अकेला कर्मचारी कर रहा चार जगह ड्यूटी Ludhiana News
थाने का मुंशी मनमर्जी से एंट्रियां भरता रहा। जब उसकी रिपोर्ट मांगी गई तो पता चला कि मुंशी एक ही समय में अकेले पुलिस कर्मी की कई जगह ड्यूटी दिखाता रहा।
लुधियाना [राजन कैंथ]। पंजाब पुलिस के अजब गजब किस्से आए दिन देखने सुनने को मिल ही जाते हैं। मगर आरटीआइ से मिली जानकारी ने एक और जबरदस्त पर्दाफाश किया है। रोजनामचा का पेट भरने के लिए एक थाने का मुंशी मनमर्जी से एंट्रियां भरता रहा। ऐसा वह शायद इसलिए भी करता रहा कि रोजनामचे को कौन देखने के लिए आएगा। मगर आरटीआइ में जब उसकी रिपोर्ट मांगी गई तो उसकी कलई खुल गई। मुंशी एक ही समय में अकेले पुलिस कर्मी की कई जगह ड्यूटी दिखाता रहा।
हुआ यूं कि 29 अप्रैल को मुल्लांपुर निवासी जगसीर सिंह की अदालत में तारीख थी। उसने डीएसपी मनिंदर बेदी के खिलाफ सरकारी माल मुकदमा को खुर्द-बुर्द करने के आरोप में केस दर्ज करवा रखा है। डीएसपी इन दिनों चंडीगढ़ हेड क्वार्टर में तैनात हैं। वह अदालत के बाहर अपनी पेशी का इंतजार कर रहा था कि उसी दौरान वहां थाना डिवीजन नंबर छह में तैनात सब इंस्पेक्टर जगजीत सिंह आ पहुंचा। उसने डीएसपी मनिंदर बेदी के खिलाफ दर्ज किया केस वापस लेने के लिए उसे धमकाना शुरू कर दिया। जगसीर सिंह किसी तरह अपना बचाव करके वहां से निकल गया।
एसआइ जगजीत सिंह अदालत में किस लिए आया था, इस बात का पता लगाने के लिए जगसीर सिंह ने थाना डिवीजन नंबर छह के रोजनामचे की 29 अप्रैल की डिटेल मांग ली। डिटेल में पता चला कि एसआइ जगजीत सिंह उस दिन सुबह छह बजे एक रेड पर गया था। वहां से आठ बजे वापस थाने लौट आया। रिकॉर्ड के अनुसार उसके बाद वो दिन भर थाने में ही रहा। मगर गवाहों के अनुसार वो जगसीर सिंह को धमकाने के लिए अदालत गया था। इस बात को उसने जांच के दौरान एसीपी सिविल लाइंस के सामने माना भी। जगसीर सिंह ने मामले की शिकायत पुलिस कमिश्नर को दी थी। कमिश्नर ने जांच का जिम्मा डीसीपी को सौंपा, अब उसकी जांच एसीपी सिविल लाइंस कर रहे हैं।
संतरी पहरे पर भी और अदालत में मुकदमे पर भी
दूसरी तरफ जब रोजनामचे की अन्य एंट्रियां चेक की तो उसमें ढेर सारी अनियमितताएं मिलीं। एंट्री के अनुसार वहां तैनात होम गार्ड जवान बलविंदर सिंह 29 अप्रैल तड़के दो बजे संतरी के पहरे पर तैनात हुआ। सुबह छह बजे उसे वहां से हटा लिया गया। सुबह 7.50 बजे उसे एक मुकदमे की तफ्तीश के लिए भेज दिया गया। वहां से वह शाम 7.15 बजे थाने लौटा। उस दौरान उसने एक आरोपित को गिरफ्तार किया। मामले में उस आरोपित के खिलाफ जुर्म की धारा बढ़ाई। उसे अदालत में पेश किया। सरकारी अस्पताल में उसका मेडिकल कराया और अंत में उसे जेल छोड़ कर आया। मगर उसी दिन के रोजनामचे के अनुसार सुबह 10 बजे उसे फिर से संतरी पहरे पर लगा दिया गया। जहां से चार बजे उसे हटाया गया। मगर चार बजे फिर से उसे संतरी के पहरे पर लगा दिया गया। जहां से रात 10 बजे उसे फारिग किया गया।
क्या होता है रोजनामचा
रोजनामचा हरेक पुलिस थाने में रखा रुटीन रजिस्टर होता है। इसमें थाने में तैनात हर अधिकारी व मुलाजिम की प्रत्येक कार्रवाई की एंट्री डाली जाती है। उसमें उनके आने व जाने का समय लिखना अनिवार्य होता है। थाने में आने वाली हरेक शिकायत उसमें दर्ज की जाती है। उसके साथ छेड़छाड़ करना कानूनन जुर्म है। पुलिस मैनुअल के अनुसार रोजनामचे में गलत एंट्री करने वाले कर्मचारी को तत्काल डिसमिस करने का प्रावधान है।
जगसीर सिंह द्वारा दी गई शिकायत मेरे ध्यान में नही है, उसकी जांच यदि डीसीपी खुद कर रहे हैं तो जिसके भी द्वारा किए काम मे कोई गड़बड़ी पाई गई, उसके खिलाफ मेरिट पर कार्रवाई की जाएगी। विभागीय काम में गड़बड़ी के लिए किसी को भी बख्शा नही जा सकता।
-डॉ. सुखचैन सिंह गिल, पुलिस कमिश्नर