सरकारी बंधन से घटा होटलों का धन
कोविड ने पर्यटन समेत होटल रेस्टोरेंट व बार उद्योग की आर्थिक पर सीधा हमला किया है।
हाईलाइट्स
छह माह बाद भी आधे अधूरे खुले होटल, ऑक्यूपेंसी रेट महज दस से बीस फीसद
कोविड ने होटल उद्योग की आर्थिक पर किया सीधा अटैक, आइसीयू में इंडस्ट्री
-अधिकतर होटल व रेस्टोरेंट सरकारी देनदारियों का भी नहीं कर पा रहे भुगतान
25 फीसद रेस्टोरेंट में रह गया कारोबार
05 हजार से अधिक होटल, रेस्टोरेंट व बार हैं सूबे में
21 से विवाह में 100 लोग आ सकेंगे
30 लोगों की मौजूदगी में अभी शादी हो रही
राजीव शर्मा, लुधियाना
कोविड ने पर्यटन समेत होटल, रेस्टोरेंट व बार उद्योग की आर्थिक पर सीधा हमला किया है। नतीजतन, यह सेक्टर फिलहाल आइसीयू में हैं और रिकवरी काफी सुस्त है। हालत यह है कि छोटे उद्यमी इस काम से हाथ जोड़ रहे हैं, जबकि कई अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। बिजली के बिल समेत सरकारी देनदारियां चुकाने में हिम्मत भी जवाब दे रही है। अनलॉक में हालांकि औद्योगिक, व्यापारिक गतिविधियां बढ़ रही हैं, लेकिन होटल इंडस्ट्री कोविड की काली छाया से बाहर नहीं निकल पाई। होटलों में फिलहाल रूम ऑक्यूपेंसी रेट केवल दस से बीस फीसद है। रेस्टोरेंट में कारोबार 25 फीसद है, जबकि बैंक्वेट का धंधा तो चौपट है। उद्यमियों का साफ तर्क है कि जब तक हवाई, रेल, सड़क सेवा सामान्य नहीं होती, कोविड की वैक्सीन नहीं आती, अंतरराज्यीय मूवमेंट बंधनों से मुक्त नहीं होती, सरकारी बंदिशें पूरी तरह से नहीं खुलती, तब तक होटल रेस्टोरेंट उद्योग में रौनक लौटना संभव नहीं है। पंजाब होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने सरकार से आग्रह किया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के अनुसार ही उद्योग को काम करने की इजाजत दी जाए।
मुश्किल से डिनर का काम 25 फीसद
उद्यमियों के अनुसार सूबे में पांच हजार से अधिक होटल, रेस्टोरेंट व बार हैं। कोविड के कारण 22 मार्च को होटल एवं रेस्टोरेंट बंद हो गए। होटल उद्योग में तीस फीसद कारोबार कमरों के किराए, चालीस फीसद बैंक्वेट हाल और तीस फीसद पैसा बार व रेस्टोरेंट से आता है। अभी रूम ऑक्यूपेंसी केवल दस से बीस फीसद है। बैंक्वेट में काम नहीं हो रहा, क्योंकि गाइडलाइन्स के अनुसार 21 सितंबर से विवाह समारोह में सौ लोग आ सकेंगे, अभी पचास की सीमा है। पंजाब में यह केवल तीस है। इसके अलावा रेस्टोरेंट व बार के कारोबार में 80 फीसद हिस्सेदारी डिनर व बीस फीसद लंच की है। शाम को नौ बजे तक रेस्टोरेंट खोलने की इजाजत है। बार खुले नहीं हैं। ऐसे में डिनर का काम 25 फीसद है।
पंद्रह से बीस फीसद रेस्टोरेंट हो गए हैं बंद
पंजाब होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के प्रधान अमरवीर सिंह ने कहा कि कोविड के कारण सबसे अधिक होटल इंडस्ट्री प्रभावित है। हालत यह है कि साठ से सत्तर फीसद तक रेस्टोरेंट एवं बार किराए पर चल रहे हैं। छह माह की बंदी के कारण अब किराए तक का भुगतान करना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में पंद्रह से बीस फीसद रेस्टोरेंट तो बंद हो गए हैं। बाकी भी आर्थिक बदहाली का शिकार हैं। उन्होंने कहा कि यदि एमएचए की गाइडलाइन्स के अनुसार सूबा सरकार द्वारा 21 सितंबर के बाद सौ लोगों के साथ समारोह करने की इजाजत न दी तो आने वाले वक्त में होटल तेजी से बंद हो सकते हैं। फिलहाल यह इंडस्ट्री बड़े आर्थिक संकट से गुजर रही है।
तय खर्च कम नहीं हो रहे
लुधियाना होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के मुख्य सलाहकार अमरजीत सिंह तलवाड़ का तर्क है कि कोविड ने इस उद्योग को आर्थिक बदहाली के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है। कारोबार चल नहीं रहा है, तय खर्च कम नहीं हो रहे हैं। ऐसे में अब सारा कैपिटल खत्म हो गया है। उद्यमियों पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है। इस सेक्टर के लिए सरकार को अलग से रियायतें देनी होंगी। सरकारी देनदारियों को माफ करना होगा तभी कुछ राहत मिल सकती है।