अब बिना मैसेज भी आ रहे श्रमिक, आधार कार्ड देख ट्रेनों में पहुंचा रहा प्रशासन
ट्रेन का मैसेज नहीं आने के बावजूद बड़ी संख्या में श्रमिक पिकअप प्वाइंट और गुरु नानक स्टेडियम पहुंच रहे हैं।
डीएल डॉन, लुधियाना
औद्योगिक शहर में बड़ी संख्या में बसने वाले बिहार और उत्तर प्रदेश के श्रमिकों की एक ही तमन्ना होती है कि किसी तरह घर जाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन का मैसेज आ जाए। मैसेज आने के बाद ही श्रमिक को पिकअप प्वाइंट में बस में चढ़ने का अवसर मिलता था।
मगर अब ट्रेन का मैसेज नहीं आने के बावजूद बड़ी संख्या में श्रमिक पिकअप प्वाइंट और गुरु नानक स्टेडियम पहुंच रहे हैं। जिला प्रशासन श्रमिकों को मैसेज भेज रहा है, लेकिन अब उन लोगों को भी बस में लेकर गुरु नानक स्टेडियम लाया जा रहा है, जिनको मैसेज न आया हो। बशर्ते उनके पास आधार कार्ड होना चाहिए। इन्हें गुरु नानक स्टेडियम लाकर मेडिकल जांच की जाती है और फिर ट्रेन का टिकट देकर सवार कर दिया जाता है। यानी मैसेज न भी आने पर कई लोगों को ट्रेन की टिकट मिल जाती है।
यही नहीं, वे बस स्टैंड पर सरकार की ओर से चलाई जाने वाली बसों में जाने के लिए भी पहुंच रहे हैं। लुधियाना से अब तक 148 श्रमिक ट्रेनें रवाना हुई हैं, जिसमें 1,89,878 श्रमिक अपने घर लौट चुके हैं। वहीं अब तक सरकारी और प्राइवेट बसों में दस हजार लोग जा चुके हैं। यानि कुल 1,99,878 लाख लोग उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल आदि प्रदेशों को जा चुके हैं। करीब 6 लाख 24 हजार श्रमिक अब तक रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सफर करने के लिए पहले मैसेज का ज्यादा महत्व था। कारखाने चालू, कई श्रमिकों ने घर जाने का इरादा छोड़ा
औद्योगिक नगरी में कारखाने खुल जाने से काफी श्रमिक गांव नहीं जाने का भी मन बना चुके है। सीतामढ़ी के रहने वाले विनोद साह, तापेश्वर साह, विजय कुमार, सुभाषचंद्र, संतोष कुमार का कहना है कि वे लोग घर जाने को तैयार थे। ऐन वक्त पर फैक्ट्री मालिक ने भरपूर काम देने का वादा किया। उन्हें एडवांस भी दिया। इस कारण उन्होंने गांव जाने का इरादा छोड़ दिया और अब यहां काम करने में जुट गए हैं। इन्होंने बताया कि वे लोग दर्जी का काम करते हैं और फैक्ट्री में आर्डर ज्यादा होने से कपड़े की काफी कटाई हो गई है। बिहार के लिए ट्रेनें पड़ रही कम, लोगों ने किया हंगामा
बिहार जाने के लिए ट्रेनें कम पड़ने से अभी भी भारी संख्या में यात्री हंगामा करते नजर आ रहे हैं। बिहार के आरा, छपरा, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, खगड़िया, बेगुसराय, बरौनी, सहरसा, मधेपुरा, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, जोगबनी आदि स्टेशनों को जाने के लिए श्रमिक बेताब हैं। रविवार को गुरु नानक स्टेडियम के बाहर सीतामढ़ी के लोगों ने हंगामा कर दिया। सीतामढ़ी की ट्रेन फुल हो जाने के बाद बाकी बचे यात्रियों ने जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उनको शांत करवाने के बाद पुलिस ने सभी को यह कह कर हटाया कि कल सीतामढ़ी जाने वाली ट्रेन में पहले उन लोगों को भेजा जाएगा। वहीं अन्य ट्रेनों में भी अभी भीड़ कम नहीं हुई है जिससे जिला प्रशासन सभी श्रमिकों को भेजने के लिए तत्पर है। मैसेज की बजाय श्रमिकों को भेजना जरूरी : आरके शर्मा
फिरोजपुर रेल मंडल के ट्रैफिक इंस्पेक्टर आरके शर्मा से जब मैसेज की जगह आधार कार्ड पर ही सफर करने के संबंध में पूछा गया तो उनका कहना था कि मैसेज उतना जरूरी नहीं जितना श्रमिकों को घर भेजना। आधार कार्ड होने के बाद भी रेल सफर हो रहा है। जिला प्रशासन की ओर से श्रमिकों को भेजने की प्रक्रिया जारी है।