पहले से ज्यादा हाईटेक हुए Cyber Criminal, बचना है तो इन बातों का रखें ध्यान Ludhiana News
साइबर क्रिमनल्स अब पहले से ज्यादा हाईटेक हो गए हैं। पहले जहां भोले भाले लोगों से फोन पर एटीएम का पिन मांग वो उनके अकाउंट खाली कर देते थे।
लुधियाना, [राजन कैंथ]। साइबर क्रिमिनल्स अब पहले से ज्यादा हाईटेक हो गए हैं। पहले जहां भोले-भाले लोगों से फोन पर एटीएम का पिन मांग उनके अकाउंट खाली कर देते थे। लेकिन अब उनकी नजरें ऑनलाइन सर्चिंग पर रहती हैं। जैसे ही उन्हें अपना शिकार नजर आ जाता है। वो उसे झांसे में ले उसके अकाउंट का सफाया कर जाते हैं। विगत छह महीनों के दौरान ऑनलाइन ठगी के 22 केस सामने आए हैं। लेकिन पुलिस इनमें से अभी तक कोई भी मामला सुलझा नहीं सकी है। पर अनगिनत मामले ऐसे भी हैं जो पुलिस के सामने नहीं आए।
केस-1: ओसवाल की वर्धमान कंपनी में नौकरी दिलाने का झांसा देकर नौसरबाजों ने बाड़ेवाल नहर रोड स्थित पुष्प विहार की रुबिना अग्रवाल के अकाउंट में से 57 हजार रुपये उड़ा लिए। रुबिना ने नौकरी के लिए ऑनलाइन बायोडाटा दिया था। 8 जनवरी 2019 उसे एक फोन आया। उधर से बात करने वाले ने जफार डॉट कॉम का हवाला देते हुए वर्धमान में नौकरी दिलासे का झांसा दिया। उसने रुबिना को एक लिंक भेज, उसमें आए फार्म को बैंक एकाउंट सहित भर कर 10 रुपये की फीस जमा करने के लिए कहा। रुबिना ने फार्म भर कर जैसे ही सेव किया। उसके अकाउंट में से 25 और फिर 32 हजार रुपये निकल गए।
केस-2: जीटीबी नगर निवासी प्रदीप गुप्ता ने राजस्थान एक कोरियर भेजना था। ऑनलाइन सर्च करने पर मिले एक कंपनी का मोबाइल नंबर मिलाया तो उधर से बात करने वाले ने कहा कि वो खुद ही उनके घर से पार्सल पिक करा लेगा। उसने कहा कि वो उसे एक लिंक भेज रहा है। उसके लिए उसे 10 रुपये की पेमेंट करनी होगी। उसके आधे घंटे बाद लड़का उनके घर से आकर पार्सल ले जाएगा। उस व्यक्ति ने प्रदीप गुप्ता को लिंक भेजा इसके क्लिक करने के कुछ समय बाद ही प्रदीप को उसे मैसेज आया कि उसके अकाउंट में से 49 हजार रुपये निकल गए हैं।
केस-3:18 जून: सोशल नेटवर्किंग साइट ओएलएक्स पर आई फोन बेचने का झांसा देकर एक नौसरबाज ने प्रेम नगर निवासी राहुल कुमार से 44 हजार की ठगी मार ली। मई 2019 में ओएलएक्स एप पर उसने एक आइ-फोन एक्स देखा। जिसकी कीमत 56 हजार रुपये रखी हुई थी। एप पर दिए गए मोबाइल नंबर बात करने पर नौसरबाज ने खुद को फौजी बताते हुए सौदा 44 हजार रुपये में तय कर लिया। उसने अपने प्रूफ भी भेज दिए। राहुल ने उस नंबर पर 44 हजार रुपये का पेटीएम करा दिया। मगर उसके बाद उसे पार्सल तो मिला नहीं, नौसरबाज का नंबर भी बंद हो गया।
केस-4: 30 जून : इंश्योरेंस कराने का झांसा देकर एक नौसरबाज ने मोहल्ला फतेहगंज निवासी दर्शन कुमार 33 हजार की ठगी मार ली। थाना डिवीजन नंबर 3 पुलिस ने केस दर्ज किया है। दर्शन कुमार के अनुसार उसके मोबाइल पर एक फोन आया। जिसमें बात करने वाले ने उसे बीमा की एक पॉलिसी के बारे में बताया। उसकी बातें सुन कर वो उसके झांसे में आ गया। जिस पर उसने उसके अकाउंट में 33 हजार रुपये जमा करा दिए। पैसे जमा कराते ही आरोपित ने मोबाइल फोन भी बंद कर लिया।
केस-5: 9 जुलाई: नौसरबाजों ने वर्धमान मिल के वाइस प्रेजिडेंट फोकल प्वाइंट के जीवन नगर निवासी राजेश चोपड़ा के अकाउंट में से 1.79 लाख रुपये उड़ा लिए। राजेश चोपड़ा ने बताया कि 26 अप्रैल को उन्होंने अपने क्रेडिट कार्ड की डिटेल निकलवाई तो पता चला कि उनके अकाउंट में से होटल कंपनी ओयो के नोएडा ऑफिस के नाम पर 1.79 लाख रुपये ट्रांसफर हो गए। जब उन्होंने एचडीएफसी बैंक से पता किया तो वो डिटेल सही निकली। राजेश चोपड़ा ने बताया कि उनका उक्त कंपनी के साथ कभी कोई लेन देन हुआ ही नहीं।
साइबर क्राइम से बचना है तो इन बातों का रखें ध्यान
पंजाब नेशनल बैंक के सीनियर मैनेजर अशोक अरोड़ा ने कहा कि जानकारी का अभाव धोखे का कारण बनता है। कभी ऑनलाइन साइट पर अपने बैंक अकाउंट की डिटेल शेयर न करें। किसी को एटीएम का पासवर्ड, पिन नंबर अथवा ओटीपी न बताएं। अपने डेबिट व क्रेडिट कार्ड की लिमिट को सेट करके रखें, जिसे अपनी मर्जी से कम या ज्यादा कर सकते हैं। बैंक की कॉल बता कर फोन करने वाले को कभी अपने अकाउंट की डिटेल न दें। इंटरनेट इस्तेमाल करते समय अनजान लिंक न खोलें।
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