इलेक्ट्रिक या गैस शवदाह गृह में किया जाएगा कोरोना संक्रमित मृतकों का संस्कार
र्तमान में निगम का एक इलेक्ट्रिक शवदाह चैंबर है जो काम नहीं कर रहा है। इसके अलावा माडल टाउन में एक गैस शवदाह चैंबर है।
लुधियाना, जेएनएन। कोरोना के कारण फैले डर से रिश्तों में दूरियां आने लगी हैं। दो दिन पहले कोरोना के कारण शिमलापुरी की 69 वर्षीय महिला की मौत के बाद उनके परिवार वालों ने शव लेने से इंकार कर दिया था। बाद में प्रशासन ने उस महिला का अंतिम संस्कार खुद करवाया।
अब भविष्य में ऐसी परिस्थिति आने पर प्रशासन ऐसे मामले में शव को इलेक्ट्रिक या गैस शवदाह चैंबर में अंतिम संस्कार करवाने पर विचार कर रहा है। इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना वायरस वाले शवों के संस्कार के लिए खास सतर्कता बरतने की गाइडलाइन भी जारी की हैं। डिप्टी कमिश्नर प्रदीप अग्रवाल ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बाकायदा बैठक भी की।
डीसी अग्रवाल ने कहा कि कोरोना से होने वाली मौत के बाद शव का अंतिम संस्कार करने में पूरी सतर्कता बरती जाती है। प्रशासन का अब प्रयास है कि कोरोना संक्रमित मृतकों का अंतिम संस्कार गैस या इलेक्ट्रिक शवदाह चैंबर में किया जाए। वर्तमान में निगम का एक इलेक्ट्रिक शवदाह चैंबर है, जो काम नहीं कर रहा है। इसके अलावा माडल टाउन में एक गैस शवदाह चैंबर है। निगम प्रशासन इस संबंध में जल्द ही अन्य श्मशानघाटों के प्रबंधकों के साथ विचार करेगा और उनकी भी मदद ली जाएगी।
इसलिए उठाना पड़ रहा कदम
शहर में अमरपुरा की एक 42 वर्षीय महिला की कोरोना से मौत होने के बाद उनका अंतिम संस्कार गऊ घाट में किया गया था। उसके बाद शिमलापुरी की 69 वर्षीय महिला का संस्कार दाना मंडी में किया गया था, जिनके परिजनों ने अंतिम संस्कार के लिए महिला का शव लेने से इंकार कर दिया था। फिर प्रशासन की तरफ से करवाए जा रहे अंतिम संस्कार को वे दूर से ही कार में बैठकर देखते रहे।
अभी प्रंबध करने में लगेगा समय: कंवलप्रीत बराड़
नगर निगम कमिश्नर कंवलप्रीत कौर बराड़ का कहना है कि शहर में एक इलेक्ट्रिक और गैस शवदाह गृह है, लेकिन इसका लंबे समय से उपयोग नहीं हुआ है। इन्हें फिर से आरंभ करने में कुछ समय लगेगा, क्योंकि इसे ऑपरेट करने वाले स्टाफ का इंतजाम करना होगा।
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