निगम ने नहीं किया कालोनी का विकास, कमिश्नर की इनोवा, कुर्सियां और टेबल कुर्क करने के आदेश
नगर निगम कमिश्नर की गाड़ी कार्यालय की दस कुर्सियां और एक टेबल को कुर्क करने के आदेश अदालत ने दिए हैं।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : नगर निगम कमिश्नर की गाड़ी, कार्यालय की दस कुर्सियां और एक टेबल को कुर्क करने के आदेश अदालत ने दिए हैं। यही नहीं साथ में निगम के जोन डी के एसई के कार्यालय का टेबल और दस 10 कुर्सियों को भी कुर्क करने के आदेश दिए हैं। लोक अदालत के चेयरमैन बलविदर सिंह संधू ने 31 मई तक इन आदेशों पर कार्रवाई अमल में लाने के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को अदालत के इन आदेशों के बारे में नगर निगम अधिकारियों को भी जानकारी दी जाएगी। अदालत ने यह कार्रवाई जस्सियां रोड पर जूही एन्क्लेव नाम से बनाई कालोनी का विकास न करने पर की है। अदालत ने कालोनी में पार्क बनाने के लिए कमेटी बनाने के लिए कहा था लेकिन उनके आदेश नहीं माने गए। इस पर कालोनी की कमेटी ने अदालत में दोबारा याचिका दायर की थी।
जूही एन्क्लेव के लोगों ने कालोनी में मूलभूत सुविधाएं जैसे सड़कें न बनाए जाने, पार्को का रखरखाव नहीं करने पर अदालत में याचिका दायर की थी। स्थायी लोक अदालत ने चार दिसंबर, 2020 को अपने आदेश में नगर निगम लुधियाना को आदेश दिया था कि वह छह माह के अंदर कालोनी की सड़क और तीन माह में तीन पार्को के रखरखाव के लिए कमेटी बनाएं। इसके बावजूद नगर निगम अधिकारियों ने इस पर अलम नहीं किया। लोगों ने दोबारा स्थायी लोक अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिस पर अदालत ने निगम की संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी किया।
वर्ष 2005 में काटी गई थी कालोनी :
जूही एन्क्लेव वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष सतीश शुक्ला, राजेश कुमार और बलदेव कुमार के अनुसार यह कालोनी वर्ष 2005 में काटी गई थी। कालोनाइजर ने निगम को पूरा पैसा नहीं चुकाया जिस कारण यहां काम रोक दिया गया। बाद में उनकी तरफ से इस बारे में नेताओं से भी आग्रह किया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अदालत में याचिका दायर करने के बाद नगर निगम ने सीवरेज और पानी की आपूर्ति की पाइप तो डाल दी लेकिन सड़कें और पार्क नहीं बनाए।
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जब सुनवाई नहीं हुई तो 25 लोग फिर पहुंचे अदालत :
कालोनी में करीब परिवार रहते हैं। इसकी आबादी करीब 400 है। नगर निगम की ओर से लोगों से टैक्स लिया जाता है लेकिन उन्हें मूलभूत सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। इस कारण लोग अदालत गए थे। कालोनी के 25 लोगों ने वर्ष 2020 में पहली याचिका दायर की थी। लोगों का कहना है कि निगम ने कालोनी में एक भी सड़क नहीं बनाई। लोग पिछले 17 साल से धूल खाने को मजबूर है।