तय समय में नहीं बने स्कूल के कमरे, सरकारी स्कूल के दोनों प्रिंसिपल चंडीगढ़ तलब
शहर के सरकारी कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल के कमरों का निर्माण नाबार्ड द्वारा तय समय पर पूरा नहीं होने पर मौजूदा और पूर्व प्रिंसिपल को शिक्षा सचिव की तरफ से चंडीगढ़ तलब किया गया।
जासं, खन्ना : शहर के सरकारी कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल और विवादों का तो जैसे चोली-दामन का साथ है। विवादों के चलते रुका स्कूल के कमरों का निर्माण नाबार्ड द्वारा तय समय पर पूरा नहीं होने पर मौजूदा और पूर्व प्रिंसिपल को शिक्षा सचिव की तरफ से चंडीगढ़ तलब किया गया।
नए प्रिंसिपल राजिंदर सिंह की तरफ से नाबार्ड के तहत स्कूल में तीन कमरों के लिए आई ग्रांट के दुरुपयोग के शक में कमरों का निर्माण कुछ दिन पहले रोक दिया गया था। इन कमरों का निर्माण तय समय में पूरा नहीं हो सका। बताते हैं कि पंजाब के अन्य करीब डेढ़ दर्जन स्कूलों में इस ग्रांट के तहत काम मुकम्मल हो गया। मामला शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार के पास पहुंचा। बुधवार को दोनों प्रिंसिपलों को अपने ऑफिस में तलब किया था। वहां दोनों ने अपना-अपना पक्ष सचिव के समक्ष रखा। बताया जाता है कि इस विवाद के चलते नाबार्ड द्वारा आई ग्रांट इस्तेमाल नहीं होने से वापस भी जा सकती है।
क्या है मामला
गौरतलब है कि नाबार्ड के तहत तीन कमरों के निर्माण के लिए आई 17.88 लाख की ग्रांट में से 21 दिनों में 12 लाख 78 हजार रुपये खर्च दिखाए गए थे। वहीं विभिन्न बैंक खातों में 12 लाख 78 हजार रुपये ट्रांसफर हुए। इसमें से जिस दिन यानी कि 7 दिसंबर 2018 को स्कूल के प्रिंसिपल प्रदीप कुमार रौणी की बदली होती है। उसी दिन 3 लाख 60 हजार रुपये प्रिंसिपल के निजी खाते में ट्रांसफर किए जाते हैं। इसके चलते नए प्रिंसिपल राजिंदर सिंह ने कमरों का निर्माण ही रोक दिया था और ग्रांट का हिसाब-किताब देने के लिए पूर्व प्रिंसिपल प्रदीप रौणी को बुलाया था।
ग्रांट खर्च करने में कुछ गलत नहीं किया
पूर्व प्रिंसिपल प्रदीप ने कहा कि नाबार्ड की हिदायतों मुताबिक ही ग्रांट खर्च की गई। इसमें कुछ भी गलत नहीं किया गया। एक पैसे का दुरुपयोग नहीं हुआ और सारा हिसाब उनके पास है। नए प्रिंसिपल ने उन्हें बिना बताए और बुलाए ही काम रोक दिया। इस बारे में वही बता सकते हैं। उन्होंने अपना पक्ष शिक्षा सचिव के सामने रख दिया है। इस बाबत संपर्क करने पर मौजूदा प्रिंसिपल राजिंदर सिंह ने फोन नहीं उठाया। इस कारण मामले में उनके पक्ष के बारे में पता नहीं चल सका है।