Move to Jagran APP

Halwara Airport: जमीन के रेट पर नहीं बनी सहमति, मुआवजा लेने के बाद कोर्ट जाएंगे किसान

Halwara Airport हलवारा एयरपोर्ट टर्मिनल के लिए एतियाणा गांव की 161.27 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने का काम ग्रेटर लुधियाना एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी ने शुरू कर दिया।

By Vipin KumarEdited By: Published: Thu, 19 Mar 2020 08:59 AM (IST)Updated: Thu, 19 Mar 2020 01:11 PM (IST)
Halwara Airport: जमीन के रेट पर नहीं बनी सहमति, मुआवजा लेने के बाद कोर्ट जाएंगे किसान
Halwara Airport: जमीन के रेट पर नहीं बनी सहमति, मुआवजा लेने के बाद कोर्ट जाएंगे किसान

लुधियाना, जेएनएन। Halwara Airport: हलवारा एयरपोर्ट टर्मिनल के लिए एतियाणा गांव की 161.27 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने का काम ग्रेटर लुधियाना एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी ने शुरू कर दिया। ग्लाडा ने किसानों को मुआवजा राशि यानि जमीन की कीमत देने के लिए कागजी कार्रवाई शुरू कर दी है। एतियाणा के तीन किसानों ने मुआवजा राशि के लिए आवेदन भी जमा करवा दिए लेकिन उनके आवेदन अधूरे पाए गए।

loksabha election banner

अब गांव के किसानों ने ग्लाडा अफसरों से मुलाकात कर उनसे आवेदन के साथ लगने वाले दस्तावेजों की सूची मांगी है। ताकि सभी किसान अपने अपने आवेदन जमा करवा सके। किसानों का यह रूख देख ग्लाडा अफसर हैरान हैं कि जो किसान जमीन देने से मना कर रहे थे वे अचानक मुआवजा के लिए आवेदन करने लगे हैं।

प्रति एकड़ एक से डेढ़ करोड़ रुपये तक मांग

एतियाणा के लोग शुरू से जमीन की कीमत प्रति एकड़ एक से डेढ़ करोड़ रुपये तक मांग रहे हैं। जबकि सरकार उन्हें 20.60 लाख रुपये देने का नोटिफिकेशन जारी कर चुकी है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद से किसान लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। गांव के किसानों ने अलग अलग स्तर पर सरकार से जमीन की कीमत बढ़ाने को कहा, लेकिन सरकार से इस मुद्दे पर उनकी बात नहीं बनी। किसान तो जमीन न देने का एलान भी कर चुके थे। उसके बाद भी सरकार ने कीमत में बढोत्तरी नहीं की।

किसानों ने कोर्ट जाने का फैसला किया 

सरकार के रवैये को देखते हुए किसानों ने कोर्ट जाने का फैसला किया लेकिन कानून के जानकारों ने उन्हें बताया कि जब तक वह सरकार से मुआवजा राशि यानि तय कीमत नहीं ले लेते तब तक वह कोर्ट भी नहीं जा सकते। जिसके बाद पंचायत ने फैसला किया कि ग्लाडा से पहले मुआवजा राशि ली जाए और उसके बाद सरकार के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। जिससे साफ है कि ग्लाडा अफसरों के लिए यह जमीन अधिग्रहण करना अभी आसान नहीं होगा।

सरकार ने नहीं सुनी किसानों की बात: सरपंच

एतियाणा के सरपंच लखबीर सिंह का कहना है कि सरकार ने किसानों की बात नहीं सुनी और अपने हिसाब से जमीन की कीमत तय कर दी। उन्होंने बताया कि अब उनके पास कोर्ट जाने के अलावा और कोई रास्ता ही नहीं है। उन्होंने बताया कि कोर्ट जाने के लिए मुआवजा राशि लेनी जरूरी है इसलिए किसान आवेदन कर रहे हैं।

पुनर्वास भत्ता की लिस्ट भी नहीं हुई ठीक

लखबीर सिंह ने बताया कि प्रशासन ने अभी तक पुनर्वास भत्ता देने के लिए भी लिस्ट को ठीक नहीं किया। उस लिस्ट में भी कई तरह की खामियां हैं। इसके लिए भी वह दो दिन पहले एसडीएम रायकोट से मिले थे। इसके अलावा पंचायत का एक शिष्टमंडल ग्लाडा अफसरों से भी मिला है और उनसे आवश्यक दस्तावेजों की सूची भी मांगी है।

तीन किसानों ने आवेदन किए हैं लेकिन उसमें कुछ कमियां हैं। उन्हें पूरी करने को कहा गया है। बाकी गांव के अन्य लोग भी आवेदन के साथ जमा होने वाले दस्तावेजों के बारे में पता करके गए हैं। उम्मीद है जल्दी ही मुआवजा राशि दिए जाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

-गुरमेल सिंह, एडमिशन अफसर, ग्लाडा 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.