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निर्मल ने अचूक निशाने से दुश्मन को चटाई धूल, अकेले ढेर किये थे 30

निर्मल सिंह ने अपने अचूक निशाने से निर्मल ने दुश्मनों के नाक में दम कर दिया था। दुश्मन के 28 से 30 जवानों को उन्होंने मार गिराया था।

By Ankit KumarEdited By: Published: Wed, 26 Jul 2017 02:44 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jul 2017 02:44 PM (IST)
निर्मल ने अचूक निशाने से दुश्मन को चटाई धूल, अकेले ढेर किये थे 30
निर्मल ने अचूक निशाने से दुश्मन को चटाई धूल, अकेले ढेर किये थे 30

रायकोट, [अमित पासी]। कारगिल युद्ध के दौरान देश की रक्षा करते हुए गांव जौहलां के निर्मल सिंह शहीद हो गए थे। वे आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। निर्मल की शहादत को याद करते ही आंसुओं की धारा निकलने लगती है। वह घर के ही नहीं बल्कि गांव भर के लाडले थे। ग्रामीण बताते हैं कि निर्मल के अंदर काफी देशभक्ति थी।

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नापाक दुश्मनों ने छिपकर मारी थी गोलियां

सिख रेजिमेंट के लांस नायक निर्मल सिंह 6 जुलाई 1999 को ऑपरेशन विजय के तहत टाइगर हिल पर दुश्मनों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। उस समय उनकी उम्र महज 29 साल थी। अपने अचूक निशाने से निर्मल ने दुश्मनों के नाक में दम कर दिया था। दुश्मन के 28 से 30 जवानों को उन्होंने मार गिराया था। उन्हें लगा की मोर्चा फतह कर लिया है। खुशी में वह खड़े होकर बोले सो निहाल-सत श्री अकाल का जयकारा लगाते हुए तिरंगा फहरा रहे थे। इसी दौरान छुपकर बैठे दुश्मनों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरूकर दी और निर्मल शहीद हो गए।

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गांव में शहीद के नाम की मूर्ति स्थापित

जौहलां गांव में शहीद निर्मल सिंह की एक मूर्ति स्थापित की गई है। गांव के सरकारी हाई सेकेंडरी स्कूल का नाम भी शहीद के नाम पर रखा गया है। शहर रायकोट को जाती मुख्य सड़क का नाम भी शहीद के नाम पर ही रखा गया है। परिजनों ने शहीद के नाम पर गांव या क्षेत्र में कॉलेज या लाइब्रेरी स्थापित करने की मांग की है।

पत्नी ने छोड़ी नौकरी, मिला पेट्रोल पंप

सरकार ने शहीद के परिवार की पूरी सहायता की है। पहले तो शहीद की पत्नी जसविंदर कौर को एसडीएम ऑफिस में नौकरी दी गई थी, जिसे उन्होंने छोड़ दिया। अब हर महीने उनके परिवार को पेंशन मिलती है। साथ ही सरकार ने एक पेट्रोल पंप भी रायकोट-बरनाला हाईवे पर अलॉट कर दिया है।

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फौज में अफसर बनना चाहता है बेटा दविंदर

निर्मल सिंह का बेटा दविंदर पिता की तरह फौज में अफसर बनना चाहता है। दविंदर पढ़ाई के साथ-साथ शारीरिक कसरत भी करता है ताकि वह भी अपने पिता की तरह ही देश की सेवा कर सके। दविंदर की उम्र अभी 21 साल है।
 


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