Move to Jagran APP

निपाह पर निगाह, सख्त बायोसिक्योरिटी से रोक सकते हैं वायरस

केरल में निपाह वायरस के हमले के बाद पूरे देश में इसको लेकर हड़कंप मचा हुआ है। पंजाब में भी निपाह वायरस को लेकर अलर्ट है। विशेषज्ञों का कहना है कि बायोसिक्योरिटी से इसको रोक सकते हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 25 May 2018 11:14 AM (IST)Updated: Fri, 25 May 2018 08:55 PM (IST)
निपाह पर निगाह,  सख्त बायोसिक्योरिटी से रोक सकते हैं वायरस
निपाह पर निगाह, सख्त बायोसिक्योरिटी से रोक सकते हैं वायरस

जेएनएन, लुधियाना। निपाह वायरस के केरल में हमले के बाद पंजाब में भी इसकाे लेकर दहशत है। इस बीमारी ने केरल में अब तक कई लोगों की जान ले ली है। इसके बाद से पूरे देश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। वैज्ञानिकों व चिकित्‍सा विशेषज्ञों का कहना है यदि बायोसिक्योरिटी को सख्त कर दिया जाए, तो वायरस को पंजाब में आने से रोका जा सकता है।

loksabha election banner

गुरू अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी के डीन कॉलेज ऑफ वेटरनरी डॉ. प्रकाश बराड़ के अनुसार बायोसिक्योरिटी का मतलब बायोलॉजिकल मटीरियल को फैलने से रोकना होता है। निपाह वायरस भी बायोलॉजिकल मटीरियल में आता है। यदि प्रभावित क्षेत्रके लोग बाहर न जाएं या बाहर के लोग प्रभावित क्षेत्र में न जाए, प्रभावित क्षेत्र किसी भी चीज को फिर चाहे वह फल, सब्जियां व अन्य तरह के खाद्य पदार्थ को दूसरी जगहों पर जाने से रोक दिया जाए तो वायरस को फैलने से रोका जा सकता है।

उनका कहना है कि यह वायरस किसी भी चीज के जरिए मूवमेंट कर सकता है। फिलहाल लोग प्रभावित राज्य या जगह के आसपास में यात्रा करने से बचना चाहिए। गर्मियों के दिनों में बहुत से लोग छुट्टियां बिताने के लिए दक्षिण भारत व समुद्री तटों की यात्रा जाते हैं। इसके अलावा प्रभावित राज्यों से आने वाले फलों के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि खजूर व नारियल के पेड़ के पास चमगादड़ का आना-जाना रहता है। ऐसे में लोग कटे-फटे खजूर न खाएं।

पंजाब में भी काफी संख्या में हैं फल खाने वाले चमगादड़

केरल में निपाह वायरस चमगादड़ से फैलने की बात सामने आ रही है। पीएयू की एक वैज्ञानिक के अनुसार पंजाब में भी अलग अलग साइज में फल खाने वाले चमगादड़ पाएं जाते हैं। खासकर, नंगल, सतलुज दरिया के किनारे, हरिकेपतन, रोपड़ सहित उन सभी जगहों पर जहां पानी के स्त्रोत हैं और जहां घने व बड़े पेड़ वाले जंगल है।

वैज्ञानिक का कहना है कि पंजाब में पाएं जाने वाले कई चमगादड़ फ्रूट खाते हैं, तो कुछ कीट पतंगे। कुछ छोटे जीवों का खून पीते हैं।  डीन कॉलेज ऑफ वेटरनरी डॉ. प्रकाश बराड़ का कहना है कि ऐसा बिलकुल नहीं है कि जहां चमगादड़ व सूअर होंगे, वहां निपाह वायरस होगा। यदि चमगादड़ व सूअर में वायरस होगा, तो ही वह इंसानों व दूसरे जानवरों में फैलेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.