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लुधियाना में 3 से 5 हजार रुपये में करवाते थे फर्जी जमानत, किसी ने 50 तो किसी ने 100 से अधिक को छुड़ाया

एडीसीपी रुपिंदर कौर भट्टी ने बताया कि आरोपितों की वकीलों के साथ सांठगांठ थी। यह लोग वकील के पास आने वाले आरोपित से तीन से पांच हजार रुपये लेकर फर्जी दस्तावेज अदालत में पेश कर उसकी जमानत करवा देते थे।

By Edited By: Published: Fri, 08 Oct 2021 07:24 AM (IST)Updated: Fri, 08 Oct 2021 09:59 AM (IST)
लुधियाना में 3 से 5 हजार रुपये में करवाते थे फर्जी जमानत, किसी ने 50 तो किसी ने 100 से अधिक को छुड़ाया
जमानत करने वाले गिरोह के 9 लोगों को पुलिस की सीआइए-तीन टीम ने वीरवार को गिरफ्तार किया। (जागरण)

जागरण संवाददाता, लुधियाना। चोरी, लूटपाट, झपटमारी और नशा तस्करी जैसे केसों में गिरफ्तार किए आरोपितों की फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जिला कचहरी से जमानत करने वाले गिरोह के 9 लोगों को पुलिस की सीआइए-तीन टीम ने वीरवार को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह में जिला कचहरी में सक्रिय था। इनके पास से 32 फर्जी आधार कार्ड, जमीन की 12 फर्जी फर्दें, एक वोटर कार्ड बरामद किया गया है। थाना डिवीजन नंबर पांच में केस दर्ज किया गया है।

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डीसीपी एसपीएस ढींढसा ने बताया कि आरोपितों की पहचान धांधरां रोड के माणकवाल की भोला कालोनी के राजिंदर कुमार सूद उर्फ बिट्टू, शिमलापुरी के मोहल्ला गो¨बदसर के मनदीप सिंह उर्फ मंगा, डाबा के सतगुरु नगर के भूपिंदर सिंह उर्फ गांधी, माडल टाउन एक्सटेंशन के आदर्श नगर के बब्बर मैक उर्फ नूर (मूल निवासी फगवाड़ा के खलवाड़ा गेट स्थित न्यू आबादी), गांव माजरी के रविंदर सिंह उर्फ रवि, शिमलापुरी की टेडी रोड नानकसर के भूपिंदर सिंह उर्फ रिंकू, माणकवाल स्थित धांधरां एंक्लेव के गुरप्रीत सिंह उर्फ लंबू, मनप्रीत सिंह उर्फ मनी और जवाहर नगर कैंप की गली नंबर दो के विजय कुमार उर्फ लक्की के रूप में हुई है।

एडीसीपी रुपिंदर कौर भट्टी ने बताया कि गिरोह पिछले कई साल से कचहरी में सक्रिय था। पकड़े गए आरोपितों में से कोई 50 तो कोई 100 से अधिक आरोपितों की फर्जी तरीके से जमानत करवा चुका है। राजिंदर सूद के खिलाफ पहले भी दो केस दर्ज हैं। जबकि मनदीप सिंह उर्फ मंगा के खिलाफ एक केस दर्ज है।

वकीलों के साथ सांठगांठ

एडीसीपी रुपिंदर कौर भट्टी ने बताया कि आरोपितों की वकीलों के साथ सांठगांठ थी। यह लोग वकील के पास आने वाले आरोपित से तीन से पांच हजार रुपये लेकर फर्जी दस्तावेज अदालत में पेश कर उसकी जमानत करवा देते थे। कई बार केस के हिसाब से पैसा कम या ज्यादा किया जाता था।

मोबाइल एप से बनाते थे फर्जी आधार कार्ड

आरोपितों ने अपने मोबाइल फोन में एक एप डाउनलोड कर रखा है। हर नए केस की जमानत के लिए यह नई फोटो खींचकर उस एप के जरिये फर्जी आधार कार्ड तैयार करके उसका प्रिंट निकलवा लेते थे।

पटवारियों के कारिदों से सेंटिग

गिरोह से जुड़े सदस्यों की कई पटवारियों के का¨रदों के साथ सेटिंग थी। उन्हें पैसे देकर यह लेाग गैरकानूनी तरीके से लोगों की जमीन की फर्द निकलवा लेते थे। इंस्पेक्टर यशपाल शर्मा का कहना है कि पूछताछ के दौरान इनसे जुड़े वकीलों और पटवारियों के कारिंदों का पता लगाया जा रहा है। उन्हें भी केस में नामजद कर गिरफ्तार किया जाएगा।


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