निक्का ने वीडियो कॉल कर मनी से करवाई थी फायरिग
धर्मपुरा में हुई फायरिग की वारदात के लिए निक्का जटाना ने घोड़ा कॉलोनी के पुनीत बैंस मनी को वीडियो कॉल की थी।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : धर्मपुरा में हुई फायरिग की वारदात के लिए निक्का जटाना ने घोड़ा कॉलोनी के पुनीत बैंस मनी को वीडियो कॉल की थी। इसके बाद मनी ने साथियों के साथ नानू के घर पर हमला किया। इसके बाद शुभम मोटा के घर पर भी गए, मगर वह उन्हें नहीं मिला। पुलिस इस मामले में जेल में बंद मनविदर सिंह उर्फ निक्का जटाना, मनप्रीत सिंह वासी जमालपुर और दरेसी के कृष्णा साहनी को प्रोडक्शन वारंट पर जेल से लेकर आई है। पुलिस ने जेल में निक्का जटाना की ओर से इस्तेमाल किया मोबाइल भी बरामद किया है।
एसीपी सेंट्रल वरियाम सिंह ने बताया कि जेल में बंद उक्त तीनों का झगड़ा शुभम मोटा और रिषभ नानू के साथ हुआ था। शुभम और नानू ने आरके रोड पर पुनीत बैंस मनी की रेस्टोरेंट में मारपीट की थी। इस केस में वह जेल में बंद है। इसका फायदा उठाकर निक्का जटाना ने वीडियो कॉल के जरिए पुनीत बैंस मनी से बात की और उसे नानू के घर पर फायरिग के लिए उकसाया। मनी ने नीरज शर्मा, नवीन नेगी, सिमरनजोत सिंह बंटी उर्फ नानी, अजय कुमार को साथ लेकर फायरिग की। यही नहीं, फायरिग के बाद शुभम मोटा के घर भी गए मगर अंधेरा होने के कारण घर पहचान नहीं पाए और लौट गए।
निक्का जटाना ने जताई एनकाउंटर की आशंका
एडवोकेट इंद्रपाल सिंह के अनुसार तीनों को शुक्रवार दोपहर अदालत में पेश किया। यहां पर निक्का जटाना ने कबूल किया है कि फायरिग उसने करवाई थी मगर किसी भी युवक का नाम नहीं लिया। उसने यह भी आशंका जताई है कि उसे बेवजह प्रोडक्शन वारंट पर लाकर एनकाउंटर किया जा सकता है।
टिब्बा रोड पर हुई फायरिग में वांछित है मनी
घोड़ा कॉलोनी का पुनीत बैंस उर्फ मनी पुलिस के लिए सिरदर्दी बनता जा रहा है। इसी माह टिब्बा रोड पर युवक की पिटाई हुई थी और वहां से भागते समय गैंगस्टर जतिदर जिदी ने फायर भी किया था। इस मामले में पुनीत बैंस मनी का नाम भी सामने आया था और उस पर आपराधिक मामला दर्ज है।
दो दिन तक मोबाइल रिकवर नहीं कर पाया जेल प्रबंधन
निक्का जटाना जैसे गैंगस्टरों का जेल में कितना दबदबा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह बाहर बैठे जानकारों से वीडियो कॉल करते हैं और बाद में हुई फायरिग की पोस्ट भी सोशल मीडिया पर डालते हैं। दो दिन बाद थाना डिवीजन नंबर तीन की पुलिस मोबाइल जेल से ही रिकवर करती है। सवाल यह है कि जब इतना कुछ हो गया तो जेल प्रबंधन ने उससे फोन क्यों रिकवर नहीं किया था।