महिलाओं को इंसाफ दिलाने का सपना जज बनकर किया पूरा, नियुक्ति पत्र देखकर हो गर्ई थी भावुक
आए दिन समाज में ऐसे मामले सामने आते हैं जहां महिलाओं पर अत्याचार किया जाता है। समाज में ऐसे लोगों की जरूरत है जो जरूरतमंद लड़कियों को न्याय दिलाएं। उनकी रक्षा और मदद के लिए आगे आएं। महिलाओं को इंसाफ दिलाने और उन्हें समाज में समान अधिकार दिलाने का सपना बचपन से मन में था।
बिदु उप्पल, जगराओं : आए दिन समाज में ऐसे मामले सामने आते हैं जहां महिलाओं पर अत्याचार किया जाता है। समाज में ऐसे लोगों की जरूरत है जो जरूरतमंद लड़कियों को न्याय दिलाएं। उनकी रक्षा और मदद के लिए आगे आएं। महिलाओं को इंसाफ दिलाने और उन्हें समाज में समान अधिकार दिलाने का सपना बचपन से मन में था। यह बात मन में ठान रखी थी कि वकालत कर एक दिन जज जरूर बनूंगी। यह कहना है कि जज चरणप्रीत कौर का। उन्होंने कड़ी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है।
चरणप्रीत कौर जगराओं के कारोबारी कमलजीत सिंह बिट्टू की बेटी हैं। उन्होंने सनमति विमल जैन स्कूल से बारहवीं तक की पढ़ाई की। बोर्ड की परीक्षा में पंजाब में दूसरा स्थान प्राप्त किया। उस समय सरकार बोर्ड में पहले व दूसरे व तीसरे स्थान पर आने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार देती थी। चरणप्रीत ने समय भी यह पुरस्कार लेने से मना कर दिया था। उनका कहना था कि इस पुरस्कार के बदले किसी जरूरतमंद विद्यार्थी की मदद की जानी चाहिए। इसके बाद उन्होंने जीएचजी ला कालेज सिधवां से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। वह हमेशा यूनिवर्सिटी में पहले, दूसरे व तीसरे स्थान पर रहती थीं। वकील बनने के बाद चरणप्रीत कौर ने पीसीएस परीक्षा की तैयारी की। पहली बार उन्होंने परीक्षा वर्ष 2019-20 हिस्सा लिया और उसे क्लीयर कर लिया।
चरणप्रीत कहती हैं कि पीसीएस का परिणाम घोषित हुआ तो मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। वाहेगुरु के आर्शीवाद से सपने को पूरा होते देख रही थी। जब मेरी नियुक्त अजनाला कोर्ट में बतौर जज होने की चिट्ठी आई तो भावुक होकर माता-पिता को गले लगा लिया।
जज चरणप्रीत कौर कहती हैं कि जब वह जज की कुर्सी पर बैठती हैं तो उसके साथ पूरा न्याय करती हैं और पूरी जिम्मेदारी के साथ फर्ज निभाती हैं। कोर्ट में आने वाले प्रत्येक को न्याय मिलना चाहिए उनका यही हमेशा प्रयास रहता है।