बेटियों ने रंगों के माध्यम से कागज पर उकेरा बेटियों का दर्द
नवचेतना बाल भलाई कमेटी की ओर से गुरु नानक देव भवन में प्रदर्शनी लगाई गई।
जासं, लुधियाना : नवरात्रों में बेटियों को ढूंढ-ढूंढ कर पूजा जाता है। शास्त्रों में नारी को देवी का रूतबा दिया गया है, लेकिन तब भी इस देश का दुर्भाग्य है कि हमारी बेटियां न तो कोख में सुरक्षित हैं और न ही कोख से बाहर। घर, बाजार और समाज में, हर जगह बेटियों पर बुरी नजर रखी जाती है। आखिर बेटियों के लिए यह डर का माहौल क्यों और कब तक? मंगलवार को समाज के आगे इन चंद सवालों को उठाया शहर की बेटियों ने। मौका था, नवचेतना बाल भलाई कमेटी की ओर से गुरु नानक देव भवन में लगाई गई प्रदर्शनी का। इसमें विभिन्न स्कूल, कॉलेजों की छात्राओं व महिला आर्टिस्ट्स ने रंगों के माध्यम से कागज पर बेटियों के दर्द को उकेरा। प्रदर्शनी का उद्घाटन डीपीआइ एलिमेंट्री इंद्रजीत सिंह और डीईओ सेकेंडरी स्वर्णजीत कौर ने किया। संस्था के संस्थापक व प्रेसिडेंट सुखधीर सिंह सेखों, महासचिव सुरिदर सिंह कंग, चीफ एडवाइजर परमजीत सिंह पनेसर, चेयरमैन अमरजीत सिंह व बबीता शर्मा, वंदना शर्मा व पूनम अरोड़ा ने कहा कि कला के जरिए लोगों तक संदेश जल्दी पहुंचता है, इसलिए यह प्रदर्शनी लगाई गई है। इसे काफी सराहना भी मिली जिससे उनका मनेाबल बढ़ा है। अगले वर्ष वह इससे भी बेहतर करने का प्रयास करेंगे। प्रदर्शनी में 300 पेंटिंग्स की गई प्रदर्शित
प्रदर्शनी में करीब 300 पेंटिग्स प्रदर्शित की गई। इसमें से 200 से अधिक पेंटिग्स व ग्रेफिटी में बच्चियों को कोख में मारे जाने के दर्द, उनके साथ होने वाले यौन उत्पीड़न और महिलाओं के साथ घर के भीतर व बाहर होने वाली हिसा को बयां किया गया था। कुछेक पेंटिग में बेटियों को बेटों की तरह जीने का अधिकार देने की बात भी कहीं गई। कोख में पल रही बच्ची व मां की पीड़ा की बयां
के माइंड की ग्रेफिटी आर्टिस्ट नवनीत व शैली ने अपनी लाइव ग्रेफ्टी में कोख में पल रही बच्ची व उसकी मां की पीड़ा को बयां किया। इसमें दिखाया गया कि एक मां को हर वक्त यहीं डर सताता है कि समाज में फैली असुरक्षा की भावना के चलते उसके अपने कोख में पल रही मासूम जिदगी को खत्म कर देंगे। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का भी दिया संदेश
दूसरी तरफ बीसीएम आर्य मॉडल स्कूल की दसवीं कक्षा की छात्रा आरचिशा ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया। इंडियन पब्लिक स्कूल की छात्रा खुशी ने कोख में कत्ल की जा रही बेटियों की पीड़ा से संबंधित पेंटिग बनाई। महकजोत ने फूड वेस्टेज को रोकने का संदेश दिया। चाइल्ड लेबर, पर्यावरण प्रदूषण पर भी सवाल खड़े किए
इसके अलावा प्रदर्शनी में छात्रा शिवांगी गुप्ता, हरदेव कौर, रवनीत सग्गू, महकजोत, आरूषि गुप्ता ने अपनी-अपनी पेंटिग में बेटियों के दर्द को बयां किया। प्रदर्शनी में चाइल्ड लेबर, पर्यावरण प्रदूषण व नशे के बढ़ते प्रभाव पर भी सवाल खड़े किए गए।
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