राजा परीक्षित की कथा सुनाई
ग्यासपुरा के शिव नगर में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन कथा वाचक पंडित विजय पांडेय ने राजा परीक्षित की कथा का वर्णन किया।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : मानव सेवा संघ के तत्वावधान में ग्यासपुरा के शिव नगर में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन कथा वाचक पंडित विजय पांडेय ने राजा परीक्षित की कथा का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि राजा परीक्षित अर्जुन के पोते व अभिमन्यु के पुत्र थे। संसार सागर से पार करने वाली नौका रुपी भागवत का प्रचार इन्हीं द्वारा हुआ। पांडवों ने संसार त्याग करते समय इनका राज्याभिषेक किया। इन्होंने नीति के अनुसार पुत्र के समान प्रजा का पालन किया। एक समय यह दिग्विजय करने को निकले, तो कुरुक्षेत्र में देखा कि एक आदमी बैल को मार रहा है, वह आदमी वास्तव में कलयुग था। इसके बाद उन्होंने तलवार खींचकर उसे आज्ञा दी कि यदि जीवन प्यारा है, तो मेरे राज्य से बाहर हो जाओ। तब कलयुग ने डरकर पूछा कि महाराज समस्त संसार में आपका ही राज्य है फिर मैं कहां जाकर रहूं। इससे पहले कथा में विशेष रूप से पूर्वाचली नेता व समाजसेवक एएन मिश्रा ने हाजिरी लगाई। मौके पर मुख्य आयोजक प्रधान दिनेश मिश्रा, दयाशंकर शुक्ला, मुख्य जजमान गीता सिद्धू, प्रभा शंकर तिवारी, राजबहादुर पाल, जितेंद्र पांडे, भूषण सिंह, एडवोकेट मनोज मौर्या, बीएस ठाकुर, डीएस ठाकुर, राजकुमार दुबे, दिनेश तिवारी, निक्कू पांडे, पंडित शेष नारायण, पंडित संजय तिवारी मौजूद रहे।
समय परिवर्तनशील होता है : कुमार स्वामी संसू, लुधियाना : श्री लक्ष्मी नारायण धाम के प्रमुख ब्रह्मऋषि कुमार स्वामी ने आनलाइन प्रवचन करते हुए कहा कि समय परिवर्तनशील होता है। शिशु का चेहरा जब किशोर अवस्था में परिवर्तित होता है, तो खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता। लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है वैसे वैसे ही चेहरे पर झुर्रियां पड़ने लगती है, तब मनुष्य चिता व हीनभावना से ग्रस्त हो जाता है। इसी प्रकार जब व्यक्ति समृद्धशाली होता है तब उसके विचार कुछ और होते हैं। वह मान-सम्मान से घिरा होता है। वह अपमान का सामना करने पर असहनीय पीड़ा से गुजरता है। आसमान पर उड़ने वाला व्यक्ति भूमि पर गिरते ही असीमित पीड़ा में डूब जाता है।