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नगर निगम के नोटिस का नहीं दिया जवाब, कंपनी को भरना होंगे 13 लाख रुपये Ludhiana News

कंपनी की लापरवाही को लेकर निगम फिर से कंपनी को पांच लाख रुपये का नोटिस भेजने जा रहा है। इस तरह कंपनी को अब कुल 13 लाख रुपये का जुर्माना निगम के पास जमा करवाना होगा।

By Sat PaulEdited By: Published: Sun, 01 Dec 2019 09:54 AM (IST)Updated: Mon, 02 Dec 2019 12:12 PM (IST)
नगर निगम के नोटिस का नहीं दिया जवाब, कंपनी को भरना होंगे 13 लाख रुपये Ludhiana News
नगर निगम के नोटिस का नहीं दिया जवाब, कंपनी को भरना होंगे 13 लाख रुपये Ludhiana News

लुधियाना, जेएनएन। शहर में मर्करी बल्ब को बदलकर एलईडी लाइटें लगवाने के काम में एक कंपनी लगातार देरी कर रही है। यह प्रोजेक्ट मई में पूरा होना था, पर अभी तक काम अटका हुआ है। कंपनी की लेटलतीफी के कारण नगर निगम कंपनी को आठ लाख रुपये का पैनल्टी नोटिस जारी कर चुका है, लेकिन कंपनी अफसर इतने बेपरवाह हैं कि उन्होंने पैनल्टी जमा करवाना तो दूर नोटिस का जवाब तक नहीं भेजा। कंपनी की इस लापरवाही को लेकर निगम फिर से कंपनी को पांच लाख रुपये का नोटिस भेजने जा रहा है। इस तरह कंपनी को अब कुल 13 लाख रुपये का जुर्माना निगम के पास जमा करवाना होगा।

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लुधियाना स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने शहर के करीब एक लाख खंभों पर एलईडी बल्ब लगवाने का ठेका कंपनी को दिया। यह प्रोजेक्ट प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप मोड पर लगाया जा रहा है। करार के मुताबिक कंपनी को मई में प्रोजेक्ट को पूरा करना था, लेकिन कंपनी इसे पूरा नहीं कर पाई। कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु की पत्नी व पार्षद ममता आशु ने कंपनी के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की मांग निगम हाउस की बैठक में उठाई। स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ संयम अग्रवाल ने यह प्रोजेक्ट नगर निगम को सौंप दिया।

निगम ने करार के मुताबिक समय पर काम पूरा न करने पर कंपनी को आठ लाख रुपये का पैनल्टी नोटिस जारी किया और उन्हें 23 नवंबर तक काम पूरा करने के साथ-साथ जुर्माना राशि जमा करने को कहा। कंपनी ने न तो इस अवधि में काम पूरा किया और न ही जुर्माना राशि जमा करवाई। यहां तक कि कंपनी ने नोटिस का जवाब भी नहीं दिया। निगम ने फिर से कंपनी को पैनल्टी नोटिस भेजने का फैसला किया है। उन्हें पुराने जुर्माने के साथ-साथ पांच लाख रुपये और जुर्माना भरना होगा।

निगम की गलती से हो रही काम में देरी: कंपनी प्रतिनिधि

टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड के हेड कम्युनिकेशन नरेश शर्मा का कहना है कि अगर नगर निगम इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करवाता तो यह प्रोजेक्ट मई में ही पूरा हो जाता, लेकिन निगम ने ऐसा नहीं किया। निगम ने इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बाद में हमारी कंपनी को ही ठेका दिया। इसके मुताबिक कंपनी को 54 करोड़ रुपये इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए देने थे। इसमें से सिर्फ 11 करोड़ ही कंपनी को दिए गए। इस राशि में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं किया जा सकता। इसी कारण देरी हुई है। इंफ्रास्ट्रक्चर खराब होने की वजह से लगातार बिजली चोरी हो रही है। उन्होंने बताया कि एलईडी लगाने का काम लगभग 98 फीसद हो चुका है। उन्होंने बताया कि निगम ने जो पैनल्टी नोटिस दिया है, वह हाल ही में मिला है। उसके जवाब में कंपनी लीगल एक्शन ले रही है।

कंपनी ने समय पर काम पूरा नहीं किया और न ही पिछले पैनल्टी नोटिस का जवाब दिया। कंपनी को फिर से पांच लाख रुपये का पैनल्टी नोटिस भेजा जा रहा है। अगर कंपनी ने पैनल्टी जमा नहीं करवाई तो निगम उसके बाद आगे की कार्रवाई करेगा।

-संयम अग्रवाल, एडिशनल कमिश्नर नगर निगम ।

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