Move to Jagran APP

उधार दिए सामान के भुगतान में देरी, एमएसएमई उद्यमी परेशान

अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाते माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) सेक्टर अधिकतर बिजनेस उधार में ही करता है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 01:53 AM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 01:53 AM (IST)
उधार दिए सामान के भुगतान में देरी, एमएसएमई उद्यमी परेशान
उधार दिए सामान के भुगतान में देरी, एमएसएमई उद्यमी परेशान

जागरण संवाददाता, लुधियाना : अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाते माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) सेक्टर अधिकतर बिजनेस उधार में ही करता है। इस बार पिछले तीन-चार माह से उधार दिए सामान की पेमेंट नहीं मिलने से इन उद्यमियों की दिक्कत बढ़ रही है। कोरोना काल में संसाधनों की कमी एवं फंड की किल्लत के कारण कारोबार करना मुश्किल हो रहा है। एमएसएमई मिनिस्ट्री ने देश के 500 कॉरपोरेट्स को एमएसएमई सेक्टर की पेमेंट जल्द करने को कह दिया है, लेकिन उद्यमियों का तर्क है कि मंत्रालय के इस दबाव के बावजूद उन्हें पेमेंट अभी तक मिल नहीं रही है।

loksabha election banner

ऑल इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड फोरम के राष्ट्रीय प्रधान बदीश जिदल का कहना है कि वैसे तो सरकारी नियमों के अनुसार एमएसएमई सेक्टर को साठ दिन में पेमेंट करना अनिवार्य है, लेकिन इनका पालन नहीं हो रहा है। कारपोरेट सेक्टर से तीन से चार माह में और सरकारी सेक्टर में इससे भी देरी से पेमेंट आ रही है। साइकिल पा‌र्ट्स उद्यमियों को भी चार माह में रकम मिल रही है। जिदल ने कहा कि सरकार को चेतावनी देने की बजाय अब सख्त एक्शन लेना चाहिए और पेमेंट में देरी करने वालों पर जुर्माना लगाना चाहिए। ऐसे औद्योगिक संस्थानों को सरकार कारण बताओ नोटिस जारी करे।

फास्टनर सप्लायर्स एसोसिएशन के प्रधान राज कुमार का कहना है कि कोविड के कारण पेमेंट का बुरा हाल है। कारोबार सुस्त होने के चक्कर में पुरानी रकम लेना मुश्किल हो रहा है। इसका कारोबार पर विपरीत असर हो रहा है। सरकार को एमएसएमई की पेमेंट रोकने वाली कपंनियों, सरकारी संस्थानों पर सख्ती करनी होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.