इंडस्ट्रियल ग्रोथ के लिए उद्यमी भी निभाएं जिम्मेदारी
एमएसएमई की ग्रोथ के लिए देश में तेजी से काम हो रहा है। केंद्र सरकार का फोकस इस समय माइक्रो और स्माल इंडस्ट्री को पटरी पर लाना है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : एमएसएमई की ग्रोथ के लिए देश में तेजी से काम हो रहा है। केंद्र सरकार का फोकस इस समय माइक्रो और स्माल इंडस्ट्री को पटरी पर लाना है। इसके लिए सरकार स्कीमों को ग्राउंड तक लागू करवाने के लिए तत्पर है। यह विचार भारत सरकार के एमएसएमई सचिव डॉ. अरूण कुमार पंडा ने कहे।
उन्होंने पंजाब में वायर ड्राइंग, होजरी, प्रिंटिंग, ऑटो पार्टस, निटिंग और गारमेंट्स के कलस्टर बनाए जाने पर भी जोर दिया। कहा कि आज लोग सबसिडी का लाभ लेने के लिए भी अपनी कैटेगरी को भी बदलने से कतराते हैं। अधिकतर कंपनियां अपने 20 साल पुराने सर्टिफिकेट के आधार पर ही रियायतें ले रहीं हैं। इसी कारण कई बार सही हकदार इससे वंचित रह जाते हैं। इसकी स्क्रूटनी के लिए अब विभाग की ओर से चेकिंग अभियान भी चलाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जीएसटी की भूमिका अहम है। इसलिए जो लोग 20 लाख से कम टर्नओवर वाले हैं, वे भी जीएसटी में खुद को शामिल करें। इसके साथ ही क्रेडिट फ्लो के लिए विभाग आरबीआइ के माध्यम से बैंकिंग के साथ चर्चा कर रही है और 20 अगस्त को इस पर अहम बैठक होगी। सचिव डॉ. अरूण ने कहा कि मुद्रा के बजट को भी बढ़ाया गया है। इसमें 3 लाख करोड़ रुपये का 5 करोड़ खातों को लोन देना सुनिश्चित किया गया है। इसके साथ ही नेशनल लेवल पर माइक्रो और स्माल इंडस्ट्री में बेहतर कार्य करने वालों के लिए अवॉर्ड समारोह करवाए जाएंगे। इसी तर्ज पर प्रदेश स्तर पर भी आयोजन किए जा सकते हैं। चीन के इंपोर्ट को घटाने के लिए सेस लगाने की मांग
इस दौरान उद्यमियों ने चीन के इंपोर्ट को कम करने के लिए 10 प्रतिशत एमएसएमई सेस लगाने, केंद्र की स्कीमों की इंपलीमेंटेशन के लिए एक नोडल एजेंसी बनाने, स्टील कीमतों के नियंत्रण को कमेटी बनाने सहित अहम मांगें रखी। इस दौरान उपकार सिंह आहुजा, पंकज शर्मा, रजनीश गुप्ता, बदीश जिंदल, विनोद थापर, चरणजीव सिंह, अवतार भोगल, गुरप्रगट काहलों, राजीव जैन, गुरमीत कुलार मौजूद थे।