विदाई के समय Monsoon ने बनाया नया रिकॉर्ड, Punjab में पहली बार हुआ कुछ ऐसा
सामान्य तौर पर सितंबर महीने के मध्य तक मानसून की विदाई हो जाती है। लेकिन इस बार मानसून थोड़ा लंबा खींचा और सितंबर में काफी बारिश हुई। पंजाब में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।
लुधियाना, जेएनएन। उत्तर भारत में इस बार विदाई के वक्त भी Monsoon रिकाॅर्ड तोड़ गया। जुलाई, अगस्त और सितंबर में जमकर बरसने के बाद मानसून ने पंजाब को अलविदा कह दिया है। खास बात यह है कि इस बार मानसून ने अपनी वापसी बड़ी शान के साथ रिकाॅर्ड बनाकर की है। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU) के मौसम विभाग की मानें तो इस साल Monsoon साढ़े तीन सप्ताह की देरी से विदा हुआ है।
पीएयू के स्कूल ऑफ क्लाइमेट चेंज एंड एग्रीकल्चरल मेट्रोलाजिकल डिपार्टमेंट की हेड डॉ. प्रभजोत कौर सिद्धू के अनुसार इस बार मानसून ने Punjab से नौ अक्तूबर को विदाई ली है। यह पहली बार है, जब मानसून अक्तूबर के दूसरे सप्ताह में आकर पंजाब से विदा हुआ हो। यह एक नया Record है। इससे पहले वर्ष 2018 और वर्ष 1961 में मानसून ने देरी से विदाई ली थी। उक्त दोनों वर्षों में मानसून एक अक्तूबर को दो सप्ताह की देरी से पंजाब से लौटा था।
सितंबर मध्य तक मानसून की हो जाती है विदाई
डॉ. प्रभजोत कौर सिद्धू के अनुसार सामान्य तौर पर सितंबर मध्य तक मानसून की विदाई हो जाती है। लेकिन इस बार मानसून थोड़ा लंबा खींचा और September में काफी बारिश हुई। जो कि आमतौर पर नहीं होती।
क्लाइमेट चेंज की तरफ इशारा करता है मानसून में बदलाव
डॉ. प्रभजोत कौर ने बताया कि वैज्ञानिक लगातार कह रहे हैं कि Climate Change चेंज हो रहा है। मानसून का समय से आना या समय के बाद जाना क्लाइमेट चेंज की तरफ ही ईशारा करता है। क्लाइमेट चेंज का ही प्रभाव कहेंगे कि सर्दी, गर्मी, बारिश की अवधि में बदलाव आ रहा है। खासकर, मानसून के पैटर्न में आ रहे बदलाव तो हैरान करने वाले हैं।
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