परम शांति के लिए पैसा जरूरी नहीं : रमेश मुनि
एसएस जैन स्थानक 39 सेक्टर में रमेश मुनि मुकेश मुनि व मुदित मुनि सुखसाता विराजमान हैं।
संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक 39 सेक्टर में रमेश मुनि, मुकेश मुनि व मुदित मुनि सुखसाता विराजमान हैं। बुधवार के संदेश में गुरुदेव रमेश मुनि ने कहा कि जीवन माता-पिता के सौजन्य से बड़े ही भाग्य से मिला है। इसका उपयोग हमें ईमानदारी, सच्चाई व समाज में अच्छे कार्य से करना चाहिए। सलाह सभी की लेनी चाहिए और दूसरों को भी यह देनी चाहिए। सत्संग बुराई को भलाई में बदल देता है। नियमित सत्संग से मन व अंतकर्ण शुद्ध व पवित्र हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि सत्संग ही जीवन के सभी रोगों का निदान है। इसमें जीवन का रस है, विचारों का अमृत व आनंद है। महात्माओं के दर्शन मात्र से अच्छे गुणों का निर्माण हो जाता है। संत मानवता के सच्चे हितैषी हैं। उन्होंने आगे कहा कि परम शांति को प्राप्त करना है तो पैसा व वस्तु की जरूरत नहीं है। आज मनुष्य अपने कर्मो को बिगाड़ कर दानव की तरह बनता जा रहा है। मनुष्य पाप करता है और उसे पुण्य में बदलने के लिए भगवान की पूजा करता है जबकि कर्मो का फल सभी को भोगना पड़ता है। इससे पहले मंगलवार को रमेश मुनि ने कहा कि मन के कर्म प्रभावी होते हैं, जो चिरकाल तक लाभ पहुंचाते हैं। उन्होंने मौजूद लोगों से चितन कर मन को शुद्ध करने की अपील की। उन्होंने कहा कि कर्म तीन प्रकार के होते हैं, पहला जो हम तन से करते हैं, दूसरा जो हम वचन से करते हैं, तीसरा जो कर्म व मन से किए जाते हैं। इन सभी में से मन से किया कर्म का प्रभाव सबसे अधिक होता है। वह केवल इस जन्म में ही नहीं, बल्कि अगले जन्म में भी फल देता है।