बैंस बोले, मैंने महिला से चैटिग की, पर उसमें अपशब्द नहीं थे
लोक इंसाफ पार्टी (लिप) के विधायक सिमरजीत सिंह बैंस ने महिला की तरफ से लगाए गए दुष्कर्म के आरोप पर सोमवार देर शाम को पुलिस लाइन में एडीसीपी हेडक्वार्टर अश्विनी गोटियाल के समक्ष बयान दर्ज करवाए।
जागरण संवाददाता, लुधियाना: लोक इंसाफ पार्टी (लिप) के विधायक सिमरजीत सिंह बैंस ने महिला की तरफ से लगाए गए दुष्कर्म के आरोप पर सोमवार देर शाम को पुलिस लाइन में एडीसीपी हेडक्वार्टर अश्विनी गोटियाल के समक्ष बयान दर्ज करवाए। उन्होंने करीब 25 मिनट तक एडीसीपी के सवालों का जवाब दिए। बैंस ने दिए बयान में स्पष्ट कहा कि उन्होंने महिला के साथ चैटिग की थी, लेकिन उसमें कोई अपशब्द या दो अर्थ वाली बातें नहीं थी। यदि उनकी चैटिग में कोई ऐसी बात निकलती है, तो वह गुनाहगार हैं और कोई भी सजा भुगतने को तैयार हैं।
सोमवार को यूथ अकाली दल ने पुलिस कमिश्नर दफ्तर के बाहर धरना देकर बैंस पर केस दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की गई थी। इसके बाद ही बैंस समर्थकों के साथ बयान दर्ज कराने पहुंचे। पहले इस मामले की जांच ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर कंवरदीप कौर कर रही थीं। मगर सोमवार को उन्हें कपूरथला के एसएसपी का चार्ज सौंप दिया गया। फिर पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने मामले की जांच महिला आइपीएस अधिकारी अश्विनी गोटियाल को सौंप दी है।
सरकार द्वारा इस मामले में उनका साथ देने के लग रहे आरोपों को नकारते हुए बैंस ने कहा कि कांग्रेस और अकाली दल के कई नेता इस मामले में उसके खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं, लेकिन उन्हें न्याय जरूर मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका नहीं है। इससे पहले भी उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाने की कोशिश की गई है, लेकिन वह बेदाग साबित हुए। इस बार भी ऐसा ही होगा।
बयान दर्ज कराने के बाद बैंस ने कहा कि वो 16 से 19 नवंबर तक पंजाब अधिकार यात्रा पर थे। उन पर पहले भी डेढ़ दर्जन से ज्यादा झूठे केस दर्ज हो चुके हैं। उन्होंने शिअद की ओर इशारा करते हुए कहा कि जो लोग आज उनके पुतले फूंक प्रदर्शन कर रहे हैं, उनकी सरकार ने भी उन पर एक दर्जन एफआईआर दर्ज कराईं थीं। मगर सच्चाई कभी छिप नहीं सकती। वो जल्दी ही सामने आएगी। यह है मामला
ईशर नगर निवासी एक महिला ने विधायक सिमरजीत बैंस पर कई बार दुष्कर्म करने के आरोप लगाए है। उसने पुलिस कमिश्नर को शिकायत देकर केस दर्ज करने की मांग की थी। दो दिन पहले उसने अपनी जान को खतरा बता कर पुलिस कमिश्नर दफ्तर के बाहर धरना दिया था। इसके बाद उसकी सुरक्षा के लिए दो पुलिस मुलाजिमों को तैनात कर दिया गया था।