लुधियाना में नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म, लहूलुहान हालत में मिली, तीन डॉक्टरों की टीम इलाज में जुटी
लुधियाना में एक व्यक्ति बच्ची के घर में घुस गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। बच्ची ने शोर मचाया तो आरोपित भाग गया। मौके पर जब लोग पहुंचे तो वह लहूलुहान अवस्था में पड़ी थी। बच्ची का सिविल अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।
जेएनएन, लुधियाना। उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना से जहां पूरे देश में आक्रोश है, वहीं लुधियाना में एक नशेड़ी ने आठ साल की बच्ची को अपनी हवस का शिकार बना डाला। वह उसे लहूलुहान अवस्था में छोड़कर फरार हो गया। बच्ची की हालत गंभीर है। उसे सिविल अस्पताल के जच्चा-बच्चा विभाग में भर्ती कराया गया है।
घटना के कुछ ही समय बाद लोगों ने आरोपित को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। हालांकि पुलिस ने उसके पकड़े जाने की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। उसके खिलाफ केस दर्ज करने के लिए पीड़िता के पिता का बयान दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। पीड़िता के पिता ने बताया है कि वह मूलरूप से उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले का रहने वाला है। यहां महानगर में एक बेहड़े में किराये के कमरे में पत्नी, तीन बेटियों और तीन बेटों के साथ रहता है। वह और उसकी पत्नी घर के पास ही सड़क पर सब्जी की फड़ी लगाते हैं। उसकी सबसे बड़ी बेटी 11 साल की और उससे छोटी आठ साल की है। उसने बताया कि आरोपित ईश्वर उर्फ गोरा (27) एक सप्ताह पहले ही उसी के बेहड़े में किराये के कमरे में रहने के लिए आया है। साथ उसकी मां और भाई रहता है। आरोपित कबाड़ का काम करता है और नशा करने का भी आदी है।
पीड़िता के पिता के मुताबिक, घटना वीरवार दोपहर बाद 3:30 बजे की है। वह पत्नी के साथ फड़ी लगा रहा था और बच्चे बेहड़े में खेल रहे थे। पहले आरोपित ने उसकी 11 वर्षीय बेटी को इशारे किए, मगर उसने नजरअंदाज कर दिया। फिर उसने आठ साल की बेटी को आवाज लगाई और उसे पतीले से सब्जी निकालकर देने को कहा। जैसे ही बच्ची उसके कमरे में गई तो आरोपित ने कुंडी लगा ली। उसे 50 रुपये देकर गलत काम करने के लिए कहा। बेटी के मना करने पर आरोपित ने उसके साथ जबरदस्ती गंदी हरकत की। बच्ची के शोर मचाने पर बाहर खेल रहे बेटी के भाई-बहनों ने दरवाजा खटखटाया तो आरोपित भाग गया। फिर वह तुरंत वहां पहुंचा और बेटी को लहूलुहान हालत में देख पुलिस को सूचना देने के बाद करीब 4.15 बजे सिविल अस्पताल ले गए।
तीन डॉक्टरों की टीम बच्ची के इलाज में जुटी
पिता ने आरोप लगाया कि बच्ची की हालत देखने पर अस्पताल स्टाफ ने उसे ईएसआइ अस्पताल ले जाने को कहा। इलाके के लोगों ने स्टाफ से गुहार लगाई कि यह गायनी का केस है, उसका स्टाफ जच्चा-बच्चा अस्पताल में ही होता है, इसलिए बच्ची को वहीं पर ले जाया जाए तो उसे वहां भर्ती किया। पहले उसे जूनियर डॉक्टर ने चेक किया। मगर उसकी गंभीर हालत को देखते हुए समाचार लिखे जाने तक तीन डॉक्टरों की टीम ऑपरेशन थिएटर में उसका इलाज कर रही थी। बताया जा रहा है कि दो घंटे से उसके ब्लीडिंग हो रही थी। वहीं थाना प्रभारी दविंदर सिंह ने कहा कि केस दर्ज करके आरोपित की तलाश में रेड की जा रही है।