अनाज की धीमी लिफ्टिंग से पंजाब सरकार को 1200 करोड़ का नुकसान, मंत्री आशु ने केंद्र से मांगी मदद
आशु ने कहा कि पंजाब लंबे समय से देश के लोगों को अन्न मुहैया करवा रहा है लेकिन यह त्रासदी है कि अनाज के भंडारण की जिम्मेदारी भी प्रदेश सरकार पर डाल दी जाती है।
लुधियाना, जेएनएन। केंद्र सरकार प्रदेश में भंडारण समस्या के कारण हर साल खराब होने वाले अनाज को रोकने के लिए ठोस रणनीति बनाए। अनाज की धीमी लिफ्टिंग से खराब हुए अनाज के करीब 1200 करोड़ रुपये के नुकसान को प्रदेश सरकार उठाने में सक्षम नहीं है। यह अपील खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भाषण आशु ने पंजाब में दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति राज्यमंत्री राव साहेब दादाराव दानवे के साथ लुधियाना में हुई मीटिंग में रखी।
आशु ने कहा कि पंजाब लंबे समय से देश के लोगों को अन्न मुहैया करवा रहा है, लेकिन यह त्रासदी है कि अनाज के भंडारण की जिम्मेदारी भी प्रदेश सरकार पर डाल दी जाती है। सीमित सुविधाओं के बीच प्रदेश सरकार अपने स्तर पर भंडारण की व्यवस्था बढ़ाने में असमर्थ है। उन्होंने केंद्रीय राज्यमंत्री से अपील की कि वह इस संबंध में राष्ट्रीय स्तरीय रणनीति बनाएं, ताकि पंजाब जैसे प्रदेश द्वारा पैदा किया गया अनाज खराब न हो।
मंत्री ने कहा कि पंजाब जैसे प्रदेश को जहां तीन-तीन साल का अनाज पैदा कर उसे भंडारण करना पड़ता है, वहीं अन्य राज्यों को सिर्फ तीन माह के लिए भंडारण करना पड़ता है। यदि केंद्र सरकार पहल करे तो पंजाब के अनाज का अन्य राज्यों में भंडारण किया जा सकता है। उन्होंने अनाज को अफगानिस्तान व अन्य देशों में भेजने की वकालत भी की। उन्होंने कहा कि लिफ्टिंग के समय रोजाना 10-12 रेल बोगी ही मिल पाती है, जिसे बढ़ाकर 20 से ज्यादा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पीईजी (प्राइवेट एंटरप्रिन्योर गारंटी) स्कीम के तहत कम से कम 20 लाख मीट्रिक टन के गोदाम बनाने की अनुमति दी जानी चाहिए।
पंजाब में बनेंगे 31 साइलोज
केंद्रीय राज्यमंत्री दानवे ने पंजाब के अनाज भंडारण की सराहना करते कहा कि यदि देशभर के उपभोक्ताओं को छह माह का अनाज एक साथ मुहैया करवा दिया जाए तो भंडारण की समस्या काफी हद तक निपट सकती है। इसे 600 लाख टन अनाज लोगों को उपलब्ध करवाया जा सकता है और अनाज खराब भी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पंजाब में खाद्य पदार्थों की स्टोरेज समस्या को दूर करने के लिए 31 अन्य साइलोज स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए 21 स्थानों का चयन कर लिया गया है, शेष का चयन किया जा रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि पंजाब की समस्याओं को हल करने के लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विशेष तौर पर बातचीत करेंगे।
36 लाख मीट्रिक टन खुले में पड़ा है अनाज
आशु ने पंजाब में अनाज भंडारण की स्थिति स्पष्ट करते कहा कि वर्तमान में 95 लाख मीट्रिक टन अनाज है, जिसमें से 36 लाख मीट्रिक टन खुले में पड़ा है, जबकि 60 लाख मिट्रिक टन गोदामों में पड़ा है। अप्रैल माह में मंडियों में 130 लाख मिट्रिक टन अनाज और आने का अनुमान है। ऐसी स्थिति में पंजाब को अनाज की आमद को संभालना मुश्किल हो जाएगा। बैठक में भारतीय खाद्य निगम के जनरल मैनेजर अर्शदीप सिंह थिंद, सिविल सप्लाई विभाग के डायरेक्टर अनंदिता मित्रा, एसके यादव आदि उपस्थित थे।
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