जुनून और हिम्मत के दम पर पाई कामयाबी
कारोबारी जिम्मेदारियों के अलावा परिवार के सदस्यों को भी उन्होंने बखूबी संभाला और अपनी हिम्मत के दम पर सभी को सही राह दिखाई।
ड्यूक फैशन इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन कोमल कुमार जैन का मानना है कि कारोबार, सामाजिक, धार्मिक और परिवारिक मामलों में संतुलन बनाना अनिवार्य है। तभी कामयाबी के साथ आगे बढ़ा जा सकता है। इस मंत्र को रख कर ही वे जीवन पथ पर अग्रसर हैं। उनका फोकस सेवा, संस्कार एवं कारोबार पर रहता है।
कोमल कुमार जैन ने अपने शुरुआती दिनों में काफी वक्त तक कारोबारी संघर्ष किया, लेकिन काम करने के जुनून और हिम्मत के दम पर आज वे रेडिमेड गारमेंट की दुनिया का चमकता सितारा हैं। देश ही नहीं विदेश में भी ड्यूक की अपनी पहचान है। कारोबार के अलावा धार्मिक और सामाजिक उत्थान में भी कोमल जैन सक्रिय भूमिका में हैं। आर्थिक तौर पर कमजोर और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए वे हमेशा तत्पर रहते हैं। नौ सितंबर 1947 को अंबाला में जन्मे कोमल कुमार जैन ने पंद्रह साल की उम्र में वर्ष 1962 में मैट्रिक की परीक्षा के बाद पारिवारिक मजबूरियों के कारण उच्च शिक्षा नहीं हासिल कर पाए। पिता जी बीमार रहते थे, जब वे 19 साल के थे तो उनके पिता का देहांत हो गया और पूरे परिवार के पालन पोषण का बोझ उनके कंधों पर आ गया। कारोबारी जिम्मेदारियों के अलावा परिवार के सदस्यों को भी उन्होंने बखूबी संभाला और अपनी हिम्मत के दम पर सभी को सही राह दिखाई।
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शुरुआती दौर में किया संघर्ष
मैट्रिक के बाद वे लुधियाना में अपने रिश्तेदार की होजरी इकाई में काम सीखने लगे। शुरुआती दौर में उन्होंने काफी संघर्ष किया वे छह माह लुधियाना और छह माह कोलकाता में रहते थे। कोमल जैन ने होजरी की बारीकियां समझीं। वर्ष 1966 में उन्होंने अपनी होजरी इकाई स्थापित की और मफलर समेत कुछ उत्पाद बनाने शुरू किए। शीघ्र ही उनको अहसास हुआ कि देश में निटेड टी शर्ट की भारी मांग है और उन्होंने टी-शर्ट बनाने का काम शुरू किया और इस मार्केट में कदम रखा। शुरुआती चुनौतियों को पार पाने के बाद कोमल जैन ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा और कामयाबी की सीढिय़ा चढ़ते रहे।
जैन समाज के उत्थान में अहम भूमिका निभाई
कोमल कुमार जैन ने हमेशा ही अपने समाज के उत्थान के लिए अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन की जड़ें शहर में मजबूत कीं और समाज के लोगों को एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध करा उनकी मदद की। इसके तहत महिला सशक्तिकरण, मेडिकल शिक्षा के लिए आर्थिक तौर पर कमजोर युवाओं को ऋण मुहैया कराना शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने कई स्कूलों और कॉलेजों में इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के लिए आर्थिक सहयोग किया है। कोमल जैन ने आर्थिक तौर पर कमजोर तीन सौ बच्चों को अडॉप्ट किया है और उनकी शिक्षा का खर्च उठा रहे हैं। कोमल कुमार जैन ने हमेशा ही जरूरमंद लोगों की सेवा में अपनी अहम भूमिका निभाई है। उनका कहना है कि समाजिक उत्थान के लिए क्षमता के अनुसार कार्य करता हूं।
35 सालों से साथ जुड़े हैं कर्मचारी
कोमल जैन के साथ कई कर्मचारी 35 से अधिक सालों से जुड़े हैं और वे सभी को अपना परिवार ही मानते हैं। उनके सुख दुख और हर वक्त उनके साथ खड़े रहते हैं। ड्यूक में काम कर रहे राम कुमार भी पिछले 35 से अधिक सालों से कोमल जैन के साथ जुड़े हैं और आज भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। राज कुमार का कहना है कि छोटे से औद्योगिक पौधे को सभी की मेहनत के साथ बड़ा पेड़ बनाया गया है। बाबू जी ने हमेशा ही कर्मचारियों को पूरा सम्मान दिया है।
कोमल जैन को मिले यह अवॉर्ड
2010 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने उनको एमएसएमई राष्ट्रीय क्वालिटी अवॉर्ड से नवाजा।
2014 में एमएसएमई मंत्री कलराज मिश्रा ने उनको मेक इन इंडिया के तहत राष्ट्रीय उत्पादकता एवं इनोवेशन अवॉर्ड से सम्मानित किया।
2015 में एमएसएमई मंत्री कलराज मिश्रा ने आउटस्टेंडिंग क्वालिटी प्रॉडक्ट्स अवॉर्ड से नवाजा।
इसके अलावा भी ड्यूक को कई बार राष्ट्रीय क्वालिटी अवॉर्ड के अलावा केंद्र का उद्योग पत्र अवॉर्ड, लाइफ टाइम एचीवमेंट अवॉर्ड समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
संगठनों से जुड़ाव
कोमल जैन, जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन में लुधियाना चेप्टर के चेयरमैन, महावीर इंटरनेशनल में वाइस चेयरमैन, श्री आत्मनंद जैन महासभा में वरिष्ठ उपाध्यक्ष और आत्म वल्लभ ट्रस्ट जीरा के अध्यक्ष पद पर भी सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा कई संस्थाओं के सक्रिय सदस्य भी हैं।
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