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फ्लाईओवर से लुधियाना भर रहा विकास की उड़ान

1978 में शहर को नगर निगम मिला और इसके पहले चुनाव 1992 में हुए। उस वक्त शहर में केवल 50 वार्ड थे। वहीं शहर की आबादी इतनी बढ़ी की नगर निगम के 50 वार्ड की संख्या को बढ़ाकर पहले 75 किया गया और उसके बाद पिछले निगम चुनाव में इसे 95 वार्ड में बांट दिया गया।

By Nandlal SharmaEdited By: Published: Wed, 04 Jul 2018 06:00 AM (IST)Updated: Tue, 03 Jul 2018 07:17 PM (IST)
फ्लाईओवर से लुधियाना भर रहा विकास की उड़ान

लुधियाना आबादी के हिसाब से पंजाब का सबसे बड़ा जिला है। पिछले 28 सालों में शहर ने इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बड़े बदलाव देखे हैं। 1991 में पहली बार यहां पार्षद के चुनाव हुए थे। हालांकि नगर निगम का दर्जा शहर को मिल गया था। 95 वार्ड वाला लुधियाना नगर निगम अब दो हिस्सों में बंटने की ओर अग्रसर है।

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">इस शहर को स्मार्ट सिटी की सूची में पहले ही स्थान दिया जा चुका है। पिछले तीन दशकों में पुराना लुधियाना शहर जगराओं पुल से हटकर एक नया शहर ही बन गया है। तेजी से बढ़ते इस शहर को देखते हुए पंजाब सरकार ने यहां मेट्रो बनाने की प्रक्रिया में कदम बढ़ाया था और सर्वे भी करवाया गया। यह योजना अभी अधर में है। जिले में अमल में लाए जाने का लुधियानवी इंतजार कर रहे हैं। शहर में एकमात्र बस टर्मिनल के स्थान पर चार प्रवेश द्वारों पर नए बस स्टैंड बनाने की प्रक्रिया जारी है।

नए फ्लाईओवर मिले, सड़कों का विस्तार हुआ
तीन दशकों में शहर को चार नए फ्लाई ओवर मिले, जिसमें गिल फ्लाई ओवर, प्रताप चौक फ्लाई ओवर, ढंडारी आरओबी और लक्कड़ पुल शामिल हैं। सड़कों का विस्तार किया गया, जिसमें फिरोजपुर रोड 8 लेन, दक्षिणी बाइपास, चंडीगढ़ रोड, ईस्टर्न बाइपास, नेशनल हाईवे का विस्तार हुआ। खेलों के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए गुरुनानक स्टेडियम बन के बाद नगर निगम ने पक्खोवाल रोड पर एक इंडोर स्टेडियम बनवाया। वहीं दो अंडर पास बने। शहर में 75 सेवा केंद्र बनाये गये हैं।

फिरोजपुर रोड पर एलिवेटिड रोड का प्रोजेक्ट चल रहा है, जो फिरोजपुर चुंगी से समराला चौक को फ्लाई ओवर से जोड़ेगा। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट, सिंधवा नहर में सोलर प्लांट, सरकारी इमारतों की छत पर सोलर प्लांट लगाए गए हैं। शहर में तीन रजिस्ट्री दफ्तरों को हाईटेक बनाया गया है।

 पार्कों का किया गया हैं सौंदर्यीकरण

बुड्ढा नाला की समस्या पर भी विचार किया जा रहा है। यदि इसे पूरा कर लिया जाए तो शहर की खूबसूरती बढ़ जाएगी। रख बाग और रोज गॉर्डन का सौंदर्यीकरण किया गया। वहीं स्मार्ट सिटी योजना में इस पर काम किया जाना है। फोकल प्वाइंट की सड़कों, ट्रैफिक समस्या, चौड़ा बाजार के आसपास के बाजारों में अतिक्रमण की समस्या के समाधान के लिए तेजी से काम करना पड़ेगा।

सिटी बस और हाउसिंग प्रोजेक्टस की शुरुआत
बड़े कारपोरेट हाउसेज हाउसिंग प्रोजेक्ट लेकर आए। शहर के बड़े कारपोरेट घरानों के अलावा देश की नामी कंपनियां शहर में रियल इस्टेट सेक्टर में अग्रसर हुई। उनके द्वारा बनाई गई साउथ सिटी, ओमेक्स, हीरो होम्स, सेंट्रा ग्रीन, आइरियो वाटर सिटी, सन व्यू इनक्लेव, राजगढ़ इस्टेट, वर्धमान अपार्टमेंट बनाये गये हैं।

ट्रांसपोर्टेशन में सिटी बस सर्विस शुरू हुई। हालांकि ऑटो सुविधा पहले से थी, लेकिन ओला और उबर कैब की टैक्सी सेवा के साथ बाइक टैक्सी सेवा शुरू की गई। शहर में नये मॉल बन रहे हैं। इसके अलावा औद्योगिक शहर होने के कारण यहां फोकल प्वाइंट, इंडस्ट्रियल एरिया विकसित किए गए हैं।

 तो लुधियाना में होंगे दो नगर निगम

1978 में शहर को नगर निगम मिला और इसके पहले चुनाव 1992 में हुए। उस वक्त शहर में केवल 50 वार्ड थे। वहीं शहर की आबादी इतनी बढ़ी की नगर निगम के 50 वार्ड की संख्या को बढ़ाकर पहले 75 किया गया और उसके बाद पिछले निगम चुनाव में इसे 95 वार्ड में बांट दिया गया। हालांकि अब भी कई वार्ड हैं, जिसे निगम की हद में लाने की प्रक्रिया चल रही है। यदि अगली बार वार्ड की संख्या बढ़ी तो यह सौ से पार चली जाएगी और नियमानुसार उसे दो नगर निगमों में बांटना पड़ेगा।


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