लुधियाना : बाल मजदूरी से निकाला और बच्चों को दिखाया इन्होंने स्कूल का रास्ता
नवचेतना बाल भलाई कमेटी के प्रमुख सुखधीर सिंह सेखों सरकारी प्राइमरी स्कूल के अध्यापक हैं और उन्होंने झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को स्कूलों तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : कुछ माता पिता बचपन में बच्चों को स्कूल भेजने के बजाय उनके हाथों में औजार थमा देते हैं या फिर उनके हाथों में कटोरा पकड़ाकर शहर के चौक चौराहों पर भीख मांगने के लिए भेज देते हैं। ऐसे माता पिता अपने बच्चों को कमाई का जरिया बना देते हैं। बाल मजदूरों और बाल भिखारियों को स्कूल तक पहुंचाना बेहद मुश्किल है। पर शहर की नवचेतना बाल भलाई कमेटी के प्रमुख सुखधीर सिंह सेखों ऐसा ही कर रहे हैं। वह पेशे से सरकारी प्राइमरी स्कूल के अध्यापक हैं और उन्होंने झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को स्कूलों तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। पिछले एक साल में ही वह झुग्गी झोपड़़ी के डेढ सौ से अधिक बच्चों को अपने सरकारी स्कूल सुखदेव नगर फोकल प्वाइंट में दाखिल करवा चुके हैं।
सुखधीर सेखों ने अब तक तीन सरकारी स्कू्लों में बतौर शिक्षक काम किया है। तीनों स्कूसल औद्योगिक क्षेत्रों में ही आते हैं। इसलिए ऐसे क्षेत्रों में झुग्गी झोपड़ी के बच्चेक और बाल मजदूरी करने वाले बच्चे ज्या्दा रहते हैं। बच्चों को स्कू्लों में दाखिल करवाने के लिए वह खुद झुग्गी झोपडि़यों में जाते हैं और उनके माता पिता को समझाते हैं।
फिर उन्हें स्कूल लेकर आते हैं। लगातार उन बच्चों और उनके माता पिता के संपर्क में होते हैं ताकि वह फिर से बच्चों को बाल मजदूरी की तरफ न धकेल दें। सुखधीर सेखों बताते हैं कि इस साल जीवन नगर की झुग्ग्यिों और आसपास की झुग्गियों के करीब 50 विद्यार्थियों को स्कूल में भर्ती करवा चुके हैं। यही नहीं संस्था के जरिए वह बाल मजदूरी, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, नशा से बचने के लिए शहर में ग्राफ्टी भी बनवा चुके हैं।
खुद का स्कूल बनाया बेहतर, औरों को भी दे रहे मदद
सुखधीर ने सरकारी प्राइमरी स्कूलल सुखदेव नगर फोकल प्वाइंट को बेहद खूबसूरत बना दिया है। वह स्कूल में 300 के करीब पौधे लगा चुके हैं। हर क्लास में तीन से चार पंखे लगवा चुके हैं और पीने के पानी के लिए वाटर कूलर व फिल्टर लगवा चुके हैं। इसके साथ ही वह अपनी संस्था के माध्यम से अन्य सरकारी स्कूलों को पंखे, वाटर कूलर व अन्य जरूरी सामान उपलब्ध करवा रहे हैं। सेखों ने बताया कि उन्होंने अब तक तीन स्कूलों में काम किया है उनमें में अब तक 50 लाख रुपये से ज्यादा का काम करवा चुके हैं।
बीमार बच्चों की कर रहे मदद
नव चेतना बाल भलाई कमेटी के जरिए वह अब तक सरकरी स्कूलों में पढ़ने वाले बीमार विद्यार्थियों का इलाज भी करवा चुके हैं। इसमें विकलांग बच्चोंक के ऑपरेशन भी शामिल हैं। यह सब काम संस्था के जरिए करवाए जा रहे हैं। इसके अलावा संस्था ने कुछ थैलेसिमिक बच्चों को गोद भी लिया है और उनके इलाज का खर्च उठा रहे हैं।