बच्ची की मौत के बाद वाटर कंटेमिनेशन प्वाइंट ढूंढने पहुंचा निगम
वार्ड 29 के लोग लंबे समय से दूषित पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। इलाके में सीवरेज जाम बड़ी समस्या बनी हुई है। इस वजह से पेयजल में सीवरेज का गंदा पानी मिक्स हो रहा है।
जासं, लुधियाना : वार्ड 29 के लोग लंबे समय से दूषित पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। इलाके में सीवरेज जाम बड़ी समस्या बनी हुई है। इस वजह से पेयजल में सीवरेज का गंदा पानी मिक्स हो रहा है।
ग्यासपुरा में गुरु तेग बहादुर नगर के पीछे एक मकान में रहते परिवार की बच्ची प्रिया की रविवार को गैस्ट्रो से हुई मौत के बाद सोमवार को नगर निगम अफसर हरकत में आए। दैनिक जागरण की ओर से उल्टी दस्त से बच्ची की मौत व इलाके में दूषित पानी की सप्लाई की खबर प्रमुखता से छपने के बाद नगर निगम के अफसरों की आंख खुली। सोमवार को नगर निगम के अधिकारी व कर्मी आनन-फानन में जेसीबी लेकर पहुंचे और वाटर कंटेमिनेशन प्वाइंट ढूंढने लगे। यही नहीं सेहत विभाग की टीम भी इलाके में पानी के सैंपल लेने पहुंची।
उधर, इलाका निवासियों ने बच्ची की मौत पर नगर निगम, मेयर और पार्षद के खिलाफ प्रदर्शन किया। सोमवार को नगर निगम ने पहले इलाके में पीने के पानी की सप्लाई के लिए इलाके में पानी के टैंकर भेजे। उसके बाद निगम कर्मी मौके पर पहुंचे और उन्होंने वाटर सप्लाई में मिक्स हो रहे सीवरेज के पानी का एक मिक्सिंग प्वाइंट ढूंढकर उसे ठीक किया। इलाका निवासियों ने वार्ड 29 व 30 के पार्षदों के खिलाफ प्रदर्शन किया और कहा कि दोनों वार्डो में पीने का साफ पानी नहीं मिल रहा है। वे कई दिनों से शिकायत कर रहे थे लेकिन उसके बावजूद उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ और एक बच्ची की मौत हो गई। पार्षद बोले, निगम को बताया पर हमारी भी नहीं सुनी
इलाका पार्षद प्रभजोत कौर और जसपाल सिंह ग्यासपुरा का कहना है कि वह खुद कई दिनों से नगर निगम को इस बारे में अवगत करवा चुके हैं लेकिन उनकी शिकायत की भी सुनवाई नहीं की गई। जोन सी ओएंडएम सेल के एक्सईएन हरमेश लाल ने बताया कि मक्कड़ कॉलोनी में निगम की टीमों ने वाटर कंटेमिनेशन प्वाइंटों की तलाश की। उन्होंने कहा कि जब-जब शिकायतें आती हैं तब तक कार्रवाई की जाती है।
लोगों ने किया प्रदर्शन, बोले, समस्या हल न हुई तो करेंगे पलायन
ग्यासपुरा सुआ रोड पर लोगों ने प्रदर्शन करते हुए भड़ास निकाली। लोगों का आरोप है कि नगर निगम की तरफ से यहां सफाई का कोई इंतजाम नहीं किया जाता। यदि ऐसा ही रहा तो यहां से उन्हें पलायन के लिए मजबूर होना पडे़गा। इलाके में गंदगी व गंदे पानी की सप्लाई से यदि बीमार ही रहेंगे तो यहां रहने का कोई लाभ नहीं। प्रदर्शन के दौरान अर्जुन गोरखपुरी, राजेश, संजू, दीपू, विक्की, महेंद्र यादव, उमेश यादव, सूरज, दीपचंद, शिव नाथ, रामनाथ, रामनिवास, रेनू, पिंकी, पूनम ने बताया कि गंदे पानी की वजह से वह परेशान हैं। पिता ने कहा था इलाके में पिछले एक महीने से आ रहा दूषित पानी
बता दें कि बच्ची प्रिया पिछले 5 दिन से बीमार थी। उसका इलाज ईएसआइ अस्पताल में चल रहा था। शनिवार को उसे दिल्ली रोड पर स्थित एक निजी अस्पताल में रेफर किया गया। जहां रविवार सुबह उसने दम तोड़ दिया था। पिता प्रदीप कुमार ने आरोप लगाया था कि दूषित पानी की वजह से ही उसकी बेटी की मौत हुई है। प्रदीप ने कहा था कि उनके इलाके में पिछले एक महीने से गंदा पानी आ रहा है। उनकी बच्ची को भी दूषित पानी की वजह से उल्टी दस्त की शिकायत हुई। पिता ने कहा था कि उनकी पांच साल की बेटी प्रीति व एक साल का बेटा प्रियांशु भी उल्टी दस्त से पीड़ित है। इसके अलावा इलाके के एक दर्जन से अधिक लोगों को भी बीमारी से जूझ रहे हैं।