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यहां सिखाया जाता है बच्चों को खेल-खेल में गणित, यह है टेक्नीक...

गांव मल्ला के सरकारी स्कूल में बच्चों को गणित पढ़ाने की एेसी तकनीक अपनाई जा रही है जिससे आपका बच्चा खेल-खेल में गणित सीख जाएगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 05:58 PM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 09:09 PM (IST)
यहां सिखाया जाता है बच्चों को खेल-खेल में गणित, यह है टेक्नीक...
यहां सिखाया जाता है बच्चों को खेल-खेल में गणित, यह है टेक्नीक...

जगराओं [बिंदु उप्पल]। इस स्कूल में बच्चों को गणित पढ़ाने का अंदाज ही जुदा है। यहां मैथ पढ़ाने के लिए बकायदा पार्क है, जहां छात्राएं खेल-खेल में गणित सीखती हैं। यह स्कूल है गांव मल्ला का सरकारी प्राइमरी गर्ल्स स्कूल। यह संभव हुआ है एक एनआरआइ के जज्बे व सहयोग से।

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एनआरआइ जगजीत सिंह सिद्धू पक्के वाला ने अपनी बेटी मुनीत की याद में यह पार्क बनवाया है, ताकि बेटियां गणित में जिंदगीभर असफल न हों। जगजीत सिंह ने बताया कि मुनीत का 23 साल पहले आकस्मिक निधन हो गया था। मुनीत को गणित विषय प्रिय था। ऐसे में हर बच्ची में उनकी बेटी मुनीत की शक्ल नजर आती है। साढ़े चार लाख रुपये की लागत से यह पार्क बनवाया गया है।

खेल-खेल में गणित सीखते बच्चे।

स्कूल पर गांव वालों ने लगाए 13 लाख रुपये

गांव मल्ला के सरपंच गुरमेल सिंह ने बताया कि गांववालों के सहयोग से प्राइमरी स्कूल के विकास व बुनियादी ढांचे पर 13 लाख रुपये खर्च हो चुके है। अब स्कूल की दीवारों पर व कक्षाओं में पेंटिंग व सिलेबस से संबंधित सामग्री प्रदर्शित की गई है।

यह है मैथ पार्क।

पार्क में यह है व्यवस्था

लूडो, जीरो से 100 तक गिनती, अभाज्य संख्या, संयुक्त संख्या, सम संख्या, विषम संख्या, पजल गेम फ्लोर, जोड़, घटाव, गुणा, भाग, 1 से 23 तक पहाड़े, रोमन अंक 1 से 20 तक व 1000, कोण, स्थानीय मूल्य,चार्ट स्थानीय मूल्य की धारणा, आकृतियां, गोला, त्रिभुज, वर्ग, आयत, बेलन, शंकु, पिरामिड, गोला, घन, घनत्व व इनके फार्मूले, भिन्नात्मक संख्याएं, स्केल, गिनतारा, दीवार घड़ी, घंटाघर, पांचवीं कक्षा तक का सिलेबस, साधारण ब्याज, बिक्री मूल्य, खरीद मूल्य, लाभ-हानि, प्रतिशतता को यहां दर्शाया गया है।

इंग्लिश व पंजाबी माध्यम से गणित की पढ़ाई

स्कूल की प्रिसिपल शैली ने बताया कि स्कूल में प्री-प्राइमरी से पांचवीं कक्षा तक में गणित को खेल-खेल में पढ़ाया जा रहा है। जब भी गणित का पीरियड आता है तो बच्चों के स्तर के अनुसार उन्हें पार्क में ले जाकर इंग्लिश व पंजाबी माध्यम से अच्छी तरह पढ़ाया जाता है। स्कूल में स्मार्ट क्लास का भी प्रोजेक्टर लगा हुआ है। स्कूल के विकास कार्यों में स्कूल स्टाफ सोनिया रानी, जसविंदर कौर, गुरदेव कौर, कुलवंत कौर, कुलविंदर कौर, हरजिंदर सिंह के अलावा स्कूल में पढ़ने वाले 130 बच्चों के मां-बाप का पूर्ण सहयोग रहा है।

मैथ पढ़ाने की टेक्नीक के बारे में बताते टीचर्स।

अभिभावक भी हैं खुश

स्कूल में गणित को अनोखे अंदाज में पढ़ाने के अलावा यहां की व्यवस्था से अभिभावक बहुत खुश हैं। वे कहते हैं कि यहां अच्छी शिक्षा के माध्यम से बेटियों के उज्‍जवल भविष्य की मजबूत नींव गढ़ी जा रही है।

क्या कहते हैं अभिभावक

अभिभावक सरबजीत का कहना है कि मेरी बेटी पहली कक्षा में पढती है। अभी से उसे पहाड़े याद हो गए हैं। 200 तक गिनती आती है। ऐसी सुविधा से बच्चे आसानी से पढ़ सकते हैं। वहीं, गुलशन कौर का कहना है कि उनकी बेटी अब गणित का काम अपने आप कर लेती है। मैथ पार्क में क्या करवाते हैं, घर आकर वह पूरी जानकारी देती है। गुरमेल सिंह का कहना है कि सरकारी प्राइमरी स्कूल में मैथ पार्क बनने से बच्चों की पढ़ाई आसान हो गई है। अब बच्चे खेल-खेल में पढ़ाई करते हैं।

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