जिससे मिलने गया वो तो नहीं आई पर एकता मिल गई: मनु नंदा
हमारी मुलाकात एक रेस्तरां में अचानक हुई।
राधिका कपूर, लुधियाना
हमारी मुलाकात एक रेस्तरां में अचानक हुई। हालांकि इस दौरान दोनों में से कोई एक-दूसरे को मिलने के लिए नहीं आया था और न ही हम जानते थे। मिलने के लिए किसी और से गए और वहीं पर जीवनसाथी मिल गया। इसी दिन हुई मुलाकात से दोनों में प्यार हो गया और फिर वे हमसफर बने। यह कहना रहा वर्किग वूमेन एकता नंदा और बिजनेसमैन मनु नंदा का।
वर्ष 1997 में रेस्तरां में हुई अचानक मुलाकात
एकता बता रही हैं कि वर्ष 1997 में वह अपनी सहेली के साथ रेस्तरां में गई थीं जबकि मनु वहां किसी दूसरी लड़की से मिलने आए थे। इस बीच वह लड़की तो नहीं आई और मनु हमारे टेबल पर आ गए और पूछने लगे कि क्या कल मेरी आपसे लैंडलाइन के जरिए बात हुई थी। जवाब नहीं दिया तो यह सुनने के बाद मनु ने कहा कि क्या मैं दस मिनट इसी टेबल पर बैठ सकता हूं। इस बीच उन्होंने मुझसे पूछा, आप कहां पढ़ते हो, जन्मदिन कब है आदि।
दो महीने बाद फिर मिले तो बर्थडे विश किया
इतेफाक कहिए दो महीने बाद हम दोबारा शास्त्री नगर स्थित बीसीएम स्कूल के बाहर मिले। मनु ने मुझे बिलेटिड जन्मदिन कहकर विश किया। जब मैंने उनसे पूछा कि आपको मेरे जन्मदिन का कैसे पता चला तो उन्होंने बताया कि उनके पिता का जन्मदिन भी उनके जन्मदिन के दिन ही होता है।
तीन महीने बाद लैंडलाइन पर आया फोन
तीन महीने बीतने के बाद एकता के घर लैंडलाइन पर फोन आया जो मनु का था। पहले तो एकता ने बात नहीं की। दूसरी बार फोन आया तो बात करने के दौरान दोस्ती हो गई और मिलने का सिलसिला भी जारी हो गया। दिसंबर, 1997 में मनु ने एकता को शादी के लिए प्रपोज कर दिया। चूंकि एकता सिख परिवार से रही तो उनके घरवालों को शादी पर एतराज रहा। दो से तीन मुलाकात बाद परिवार को मना लिया गया। आखिर जून 1998 में दोनों की शादी हो गई। हंसमुख है मनु का स्वभाव
- मनु मिलनसार भी हैं और उनका स्वभाव हंसमुख है। केयरिग होने के साथ-साथ हम दोनों ही एक-दूसरे के दोस्त ज्यादा है।
- एकता नंदा दोनों में है बेहद अंडरस्टेंडिंग
- एकता भी केयरिग है, पूरे परिवार को बेहद अच्छे से संभालती है। दोनों में बेहद अंडरस्टेंडिंग है। उनका स्वभाव भी काफी मिलनसार है।
- मनु नंदा