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'टाइगर' के निशाने पर पुरुष अधिक, लुधियाना में डेंगू के 26 और मरीज मिले; संख्या 923 पहुंची

सेहत विभाग डेंगू के मरीजों में पुरुषों की संख्या अधिक होने को केवल इत्तेफाक मान रहा है। अप्रैल से अक्टूबर के बीच ज्यादातर लोग टी-शर्ट व हाफ बाजू वाले कपड़े पहनते हैं। शरीर पूरी तरह ढका न होने की वजह से भी मच्छर काटते हैं।

By Edited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 08:20 AM (IST)
'टाइगर'  के निशाने पर पुरुष अधिक, लुधियाना में डेंगू के 26 और मरीज मिले; संख्या 923 पहुंची
लुधियाना में डेंगू व चिकनगुनिया रोग के वाहक एडिज एजिप्टी मच्छर का डंक बढ़ता ही जा रहा है। (फाइल फोटो)

लुधियाना, [आशा मेहता]। जिले में डेंगू व चिकनगुनिया रोग के वाहक एडिज एजिप्टी मच्छर का डंक बढ़ता ही जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार सभी मच्छर इंसानों को नहीं काटते। केवल मादा एडिज एजिप्टी मच्छर ही लोगों को काटता है। इसे टाइगर मच्छर भी कहते हैं। शुक्रवार को 26 डेंगू के मरीज मिले। इसके साथ ही अब तक जिले में 923 लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। इनमें सबसे अधिक पुरुष हैं। पूर्व के वर्षो में भी पुरुष ही डेंगू की चपेट में अधिक आए हैं। हालांकि सेहत विभाग डेंगू के मरीजों में पुरुषों की संख्या अधिक होने को केवल इत्तेफाक मान रहा है। अप्रैल से अक्टूबर के बीच ज्यादातर लोग टी-शर्ट व हाफ बाजू वाले कपड़े पहनते हैं। शरीर पूरी तरह ढका न होने की वजह से भी मच्छर काटते हैं।

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अरोड़ा न्यूरो सेंटर के मेडिसिन एंड क्रिटिकिल केयर के चीफ डा. गौरव सचदेवा और मोहनदेई ओसवाल अस्पताल के चेस्ट स्पेशलिस्ट डा. प्रदीप कपूर ने कहा कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों का एक्सपोजर अधिक होता है। उन्हें फील्ड में घूमना पड़ता है। इस कारण पुरुषों का डेंगू की चपेट में अधिक आना वजह हो सकती है। वहीं लुधियाना मेडिवेज अस्पताल के मेडिसन विशेषज्ञ डा. कर्मवीर गोयल का भी कहना है कि खुद की लापरवाही की वजह से पुरुष डेंगू की चपेट में अधिक आते हैं। खासकर युवा फैशन के चक्कर में पूरी बाजू के कपड़े नहीं पहनते हैं, जिससे मच्छरों के लिए डंक मारना आसान हो जाता है। वहीं ज्यादातर महिलाएं घर में रहती हैं। अगर कोई नौकरी करती भी हैं, तो ज्यादातर की सीटिंग जाब होती है। महिलाएं थोड़ा सजग भी रहती हैं। हालांकि इसका कोई बायोलाजिकल आधार नहीं है कि पुरुषों को अधिक व महिलाओं को मच्छर कम काटता है।

सातवें दिन में मच्छर हो जाता है तैयार

डा. गौरव सचदेवा के अनुसार मादा मच्छर को अंडे पैदा करने के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है, जो उसे खून चूसने से मिलता है। वह जब अंडे देती है तो तीन दिन में लारवा, दो दिन बाद पियूपा, दो दिन बाद सातवें दिन एडल्ट मच्छर तैयार हो जाता है और आठवें दिन मच्छर उड़ जाता है। इसी कारण कहा जाता है कि सप्ताह में एक दिन कूलर को साफ जरूर करें, ताकि अंडे से एडल्ट मच्छर बनने का सात दिनों का सर्किल टूट जाए। एडिज एजिप्टी मच्छर की उम्र महज 28 दिन होती है।

डेंगू से बचाव के लिए यह बरतें एहतियात

- सितंबर से पूरी बाजू वाले कपड़े पहनें।

- नवंबर तक पूरे शरीर को ढककर रखें।

- घर से बाहर जाने से पूर्व मच्छरों से बचाव वाले लोशन लगाएं।

- कूलरों, कंटेनरों व छत पर रखे सामान में पानी जमा न होने दें।

- आसपास पानी जमा हो तो उसमें मिट्टी का तेल, काला तेल या डीजल डाल दें।

किस वर्ष कितने मरीज मिले

साल - पुरुष - महिलाएं- कुल

2014 - 670 -  353 - 1023

2015 - 1197 - 681 - 1878

2016 - 463-   292- 755

2018 - 290-  199 - -489

2019 - 894 -  615 - 1509

2020 - 558 - 363 - 921


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