इस शहर में लावारिस कुत्तों की संख्या पहुंची एक लाख से पार, समय के साथ बढ़ रही समस्या
शहर में लावारिस कुत्तों की संख्या एक लाख के पार पहुंच चुकी है। नगर निगम इनकी संख्या पर नियंत्रण पाने के लिए जो काम कर रहा है वह नाकाफी है।
जेएनएन, लुधियाना। शहर में लावारिस कुत्तों की संख्या एक लाख के पार पहुंच चुकी है। नगर निगम इनकी संख्या पर नियंत्रण पाने के लिए जो काम कर रहा है वह नाकाफी है। निगम रोजाना सिर्फ 25 से 30 कुत्तों की नसबंदी ही कर पा रहा है। अगर इसी गति से करता है तो शहर में जितने कुत्ते हैं उनकी नसबंदी करने में 11 साल लग जाएंगे। यही नहीं एक स्वयं सेवी संस्था ने निगम को फ्री में कुत्तों की नसबंदी करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन निगम अफसरों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, जिसकी वजह से यह समस्या दिन प्रतिदिन विकराल होती जा रही है। नगर निगम ने अभी जिस संस्था को कुत्तों की नसबंदी का जिम्मा सौंपा है उसका काट्रेक्ट भी खत्म हो चुका है। अब निगम इसके लिए टेंडर भी निकाल चुका है, लेकिन कोई दूसरी संस्था सामने नहीं आई है। ऐसे में पुराने रेटों पर वही संस्था नसबंदी का काम कर रही है।
हालांकि कंपनी भी नसबंदी का रेट बढ़ाने के बारे में कह चुकी है, लेकिन अभी निगम ने रेटों को मंजूरी नहीं दी। कंपनी अब तक शहर भर में करीब 39 हजार कुत्तों की नसबंदी कर चुकी है, जबकि अभी भी 85 हजार से ज्यादा कुत्तों की नसबंदी होनी बाकी है। अगर संस्था प्रतिदिन 25 कुत्तों की नसबंदी करती है तो इस तरह 85 हजार कुत्तों की नसबंदी करवाने में निगम को 11 साल से ज्यादा वक्त लग जाएगा, जबकि तब तक कुत्तों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होती रहेगी।
संस्था ने निगम के सामने रखी थी पॉन्ड बनाने की शर्त
सराभा नगर की संस्था पॉपकॉन के प्रमुख गुरप्रीत सिंह ने नगर निगम कमिश्नर को कहा था कि वह एक पॉन्ड बनाकर दे दें और अपनी कैटल कैचर टीम से कुत्ते पकड़कर उन्हें सौंप दें। उसके बाद वह खुद कुत्तों की नसबंदी करवाएंगे और 14 दिन तक उनकी देखभाल भी करेंगे। इसके लिए वह निगम से कोई पैसे नहीं लेंगे, लेकिन निगम की तरफ से अभी इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, जिसकी वजह स्वयं सेवी संस्था भी काम नहीं कर पा रही है।
नगर निगम लुधियाना के वेटरनरी अफसर डॉ. वाईपी सिंह का कहना है कि कुत्तों की नसबंदी करने वाली संस्था का अनुबंध खत्म हो चुका है। काम न रुके इसलिए उसी संस्था को फिर से काम करने को कहा गया है और संस्था नियमित तौर पर कुत्तों की नसबंदी की जा रही है। स्वयं सेवी संस्था के साथ निगम उच्च अफसर संपर्क में हैं।