लुधियाना के उद्यमी चरणजीत ने काेराेना काल में चीन से आयात छोड़ा, चार करोड़ से प्लांट तैयार कर बनाई डिस्क ब्रेक किट
विश्वकर्मा ग्रुप के एमडी चरणजीत सिंह विश्वकर्मा ने चीन पर आश्रित रहने के बजाए मांग को खुद उत्पादन कर पूरा करने की ठानी। इसके बाद इसके बेहतर परिणाम सामने आए हैं। इसके लिए ताइवान से आधुनिक मशीनें मंगवाई है।
लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। अपने सस्ते माल और बड़े स्तर पर उत्पादन के लिए दुनिया में मशहूर चीन पर निर्भरता को लुधियाना के कारोबारी विश्वकर्मा ग्रुप के एमडी चरणजीत सिंह विश्वकर्मा ने छोड़ दिया है। पिछले साल चीन जब भारत को आंखें दिखाने लगा तो उन्होंने खुद को आत्मनिर्भर बनाने की ओर कदम बढ़ाए। कोविड काल में लोगों में सेहत संभाल को लेकर तेजी से प्रचलन बढ़ा है। ऐसे में साइकिल की बिक्री में तेजी से बढ़ोतरी हुई। साइकिल इंडस्ट्री के लिए यह समय पिछले एक दशक का सबसे बड़ा बूस्टअप लाया है। ऐसे में अब युवाओं में हाईएंड साइकिलों को लेकर प्रचलन बढ़ा है।
इस दौरान उन्होंने चीन से आयात बंद कर लुधियाना में ही डिस्क ब्रेक किट बनाना शुरू कर दिया। विश्वकर्मा ग्रुप आफ इंडस्ट्री ने ठान लिया कि चीन पर आश्रित नहीं रहेंगे। बाजार की मांग को खुद उत्पादन कर पूरा करेंगे। इसके लिए उन्होंने चार करोड़ रुपये का निवेश कर प्लांट तैयार किया। ताइवान से मशीनें मंगवाईं और काम शुरू कर दिया। देश में कुछ यूनिट ही हैं जो साइकिल का डिस्क ब्रेक किट का उत्पादन करते हैं। उन्होंने न केवल एक पार्ट बल्कि आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से पूरी डिस्क बे्रक किट बनाना शुरू कर दिया। इसमें डिस्क रोटर, डिस्क मशीन, केबल, मेगा हब और डिस्क ब्रेक बनाई जा रही है।
विश्वकर्मा ग्रुप आफ कंपनीज के एमडी चरणजीत सिंह विश्वकर्मा का कहना है कि पहले भारत में केवल दस प्रतिशत साइकिलों में डिस्क ब्रेक की डिमांड थी। अब यह बढ़कर 30 से 35 प्रतिशत हो गई है। इस मांग को पूरा करने के लिए कंपनी की मैनेजमेंट टीम ने फैसला किया कि हम चीन से सस्ती और बेहतर किट का निर्माण भारत में ही करेंगे। हमने नई तकनीक पर ज्यादा फोकस किया ताकि चीन सहित दूसरे देशों से आ रही किट का विकल्प तैयार किया जा सके। फिनिशिंग के लिए भी कंपनी की ओर से ईडी प्लांट लगाया गया है। इस समय उनके पास बहुत आर्डर आ रहे हैं। ऐसी ही स्थिति रही, तो कंपनी इस प्लांट की एक्सपेंशन के लिए भी विचार करेगी। अगले साल तक इसका उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य है।
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